Saturday, February 8, 2025

दो दिवसीय करियर गाइडेंस, उद्यमिता विकास और संविधान जानो कार्यशाला का सेक्टर-6 में समापन

संविधान सिर्फ एक लीगल डॉक्यूमेंट नहीं बल्कि सामाजिक क्रांति का दस्तावेज : प्रो. माने 

भिलाई : न्यूज़ 36 : दो दिवसीय करियर गाइडेंस, उद्यमिता विकास और संविधान जानो कार्यशाला का समापन रविवार को डॉ अंबेडकर भवन (पुराना बीएसपी स्कूल), रेलवे अंडरब्रिज के सामने, सेक्टर 6 भिलाई नगर में हुआ। डॉ अंबेडकर एक्जीक्यूटिव फ्रेटरनिटी भिलाई, सोशल जस्टिस एंड लीगल फाउंडेशन छत्तीसगढ़ ,एनस्टेप छत्तीसगढ़ और मूलनिवासी कला साहित्य और फिल्म फेस्टिवल भिलाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में उच्चतर स्कूली कक्षाओं के विद्यार्थी सहित नौजवान बड़ी संख्या में भागीदारी दी। इस दौरान संविधान बनने की प्रक्रिया, संविधान सभा की बहसों और मूल बातों से लोग अवगत हुए। इस कार्यशाला का प्रारंभ उद्यमिता विकास पर मार्गदर्शन से हुआ।


दूसरे दिन समापन सत्र में संविधान को जानों कार्यक्रम के अंतर्गत विषय विशेषज्ञ के तौर पर मुंबई से प्रो. सुरेश माने उपस्थित थे। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि 21 वीं सदी में दुनिया जब विज्ञान और विकास की राह पर चलती है तो सर्वाधिक आबादी वाले हमारे भारत देश में नागरिकों को अपने दायित्व बोध के प्रति एक तरह से प्रशिक्षित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्ग को एक सूत्र में बांध कर रखना और भाईचारे के आधार पर समाज की पुनर्रचना करना हमारे भारतीय संविधान का मूल मकसद है। इस मकसद को हासिल करने संविधान साक्षरता की आज ज्यादा जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमारा संविधान सिर्फ एक लीगल डाक्यूमेंट नहीं है बल्कि सामाजिक क्रांति का दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि पेरियार, फुले, रैदास, कबीर, गुरु घासीदास, नारायण गुरु, शाहूजी महाराज और डॉ अम्बेडकर के सामाजिक संघर्षों के इतिहास को समझे बिना भारत के संविधान को नहीं समझा जा सकता है।
आयोजन को संबोधित करते हुए भिलाई स्टील प्लांट के कार्यपालक निदेशक मानव संसाधन पवन कुमार ने कहा कि संविधान को जानना हर नागरिक के लिए आवश्यक है। हम अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों को भी जानेंगे तभी देश की प्रगति संभव है। उन्होंने कहा कि समाज का उत्थान तभी संभव है, जब हम अपने अधिकार और कर्तव्य को भी अच्छी तरह जानें और समझे।
इस सत्र में डायरेक्टर जंगल सफारी धम्मशिल गणवीर ने वन विभाग पर आधारित उद्योग, होम स्टे और टूरिज्म में नौजवानों की भागीदारी पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया। उन्होंने ग्रामीणों की भागीदारी से कांगेर वैली को पर्यटन के लिए विकसित करने के अपने प्रयोग पर भी जानकारी दी।

इससे पहले सुबह 10.00 बजे से प्रशिक्षण सत्र में छत्तीसगढ़ के युवक युवतियों को उद्यमिता विकास हेतु भगवान गवई मुंबई, संजय गजघाटे, संयुक्त संचालक उद्योग विभाग रायपुर, अश्वनी बंजारा कृषि विभाग रायपुर, शकुंतला केसकर सफल उद्यमी भिलाई,  रायपुर संजीव सुखदेवे उद्योग विभाग रायगढ़ और  डा आर के रामटेके, प्रोफेसर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग ने मार्गदर्शन दिया।
रविवार को शाम 6 बजे से पांचवें और अंतिम सत्र में भगवान गवई और प्रोफेसर सुरेश माने ने एससी-एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के उद्योगपतियों और व्यवसायियों से बेहतर बिजनेस ग्रोथ और इंटरनेशनल बिजनेस लिंकेजेस की संभावनाओं पर अनौपचारिक बातचीत की और उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग के माध्यम से अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए प्रेरित किया । दोनों रिसोर्स पर्सन्स द्वारा युवाओं और महिला उद्योगपतियों के अनेक सवालों का जवाब दिया गया। कार्यशाला के समापन के अवसर पर इस आयोजन को सफल बनाने वाले प्रदेश भर के सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।

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