भिलाई : न्यूज 36 : भिलाई इस्पात संयंत्र में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम के लिए संयुक्त यूनियन द्वारा डिप्टी चीफ लेबर कमिश्नर “केंद्रीय” रायपुर के समक्ष लगाए गए परिवाद की सुनवाई हुई। यूनियन व प्रबंधन को सुनने के बाद सहायक श्रम आयुक्त ने कहा कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस पर रोक लगाना संभव नहीं है। लेकिन भिलाई इस्पात संयंत्र मे इसके सुचारू संचालन के लिए प्रबंधन यूनियनों ने चर्चा कर उपयुक्त व्यवस्था बनाएं। संयुक्त यूनियन ने कर्मचारियों की ओर से अपना पक्ष रखते हुए कहा कि संयंत्र अपनी वर्तमान व्यवस्था के तहत सेल में सर्वोच्च लाभार्जन करता आया है। साथ ही यहां की कार्य संस्कृति भी सेल में सर्वोच्च मानी जाती है। कर्मचारी पूरी लगन के साथ अपनी जिम्मेदारियां को निभाते हैं, ऐसी स्थिति में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम की आवश्यकता नहीं है। इससे पूरी व्यवस्था ही चरमरा रही है।प्रबंधन द्वारा बिना पूर्व तैयारी व यूनियन से चर्चा किए बिना इसे लागू किया गया है जो गैरकानूनी है। इसलिए इसे तत्काल प्रभाव से रोका जाना चाहिए। यूनियन नेताओं ने कहा कि संयंत्र में लगभग 14000 से अधिक नियमित व 22000 ठेका श्रमिक कार्यरत है। संयंत्र में गेट की संख्या सीमित है रोज सड़क हादसे हो रहे हैं प्रबंधन से मात्र 5 मिनट की छूट दी गई है जो स्टैंडिंग आर्डर का उल्लंघन है प्रबंधन की ओर से सहायक महाप्रबंधक रोहित हरित ने हाई कोर्ट के आदेश की प्रति प्रस्तुत करते हुए कहा कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस को रोक नहीं जा सकता। आदेश में स्पष्ट रूप से इसका उल्लेख है। कि जिस पर एएलसी ने भी अपनी सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि हम हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं कर सकते। यूनियन ने बायोमेट्रिक से संयंत्र के भीतर आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस नई व्यवस्था में बहुत विसंगतियां आ रही हैं।कर्मियों को छुट्टी भरने मे परेशानियां हो रही है। सिस्टम अभी फुल प्रूफ तैयार नहीं हुआ है। सयन्त्र के भीतर रेलवे ट्रैक पर बैगन खड़े होने के कारण कर्मचारी समय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। हॉस्पिटल का समय भी शाम 6:00 बजे तक का है। सामान्य पाली के कर्मचारी हैं वह उनके स्वजन इलाज कराने में भी असमर्थ हैं।