जयपुर: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर पिछले कई महीनों से चर्चाएं चल रही है। नए अध्यक्ष को लेकर सियासी बयानों के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) लगातार राहुल गांधी की पैरवी कर रहे हैं। ना सिर्फ बयानों के जरिए बल्कि अब अपने सियासी दांव के जरिए भी उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सिर्फ राहुल गांधी को ही देखना चाहते हैं।
दरअसल शनिवार को जयपुर में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में वोटिंग के लिए चुने गए डेलिगेट्स की एक बैठक बुलाई गई। इस बैठक में अशोक गहलोत ने राहुल गांधी (Rahuk Gandhi) को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा। इस दौरान पीसीसी डेलीगेट्स के सभी सदस्यों ने हाथ खड़े करके इस प्रस्ताव को पास किया। गहलोत की रणनीति अब सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं इसके मायने भी निकाले जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अजय माकन, गोविन्द सिंह डोटासरा और प्रदेश के अन्य नेता भी राहुल गांधी में आस्था जता रहे हैं। हालांकि सचिन पायलट भी राहुल गांधी को अध्यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं लेकिन इसे लेकर वे बार बार बयान नहीं दे रहे हैं। इस वजह से अशोक गहलोत लगातार चर्चाओं में हैं। बयानों के मामले में अशोक गहलोत सचिन पायलट से काफी आगे निकल गए हैं।
गांधी परिवार के प्रति आस्था जताकर करीबी बने रहना चाहते हैं गहलोत
राहुल गांधी लगातार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से इनकार करते आए हैं। अब 22 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी होने वाला है। अभी तक राहुल गांधी की तरफ से ऐसा कोई संकेत नहीं दिया गया है कि वे नामांकन दाखिल करेंगे। इसी संशय के बीच अशोक गहलोत राहुल गांधी से बार बार अपील कर रहे हैं कि राहुल गांधी कांग्रेस नेताओं की भावनाओं का ख्याल रखते हुए अध्यक्ष पद को स्वीकार करें।
दिल्ली से लेकर गुजरात तक वे लगातार मीडिया के जरिए बयान देकर गांधी परिवार के प्रति आस्था प्रकट कर रहे हैं। अशोक गहलोत के इन बयानों से साफ है कि वे गांधी परिवार के सबसे वफादार नेताओं में से एक हैं। राहुल गांधी अध्यक्ष पद स्वीकार करते हैं या नहीं। यह तो अगले सप्ताह स्पष्ट होगा लेकिन लगातार ऐसे बयानों के जरिए गहलोत अपनी नजदीकी जताने में भी पीछे नहीं रहना चाहते हैं।