Thursday, October 10, 2024

अशांत क्षेत्रों में तैनात पुलिस के जवानों ने अपने साहस का लोहा मनवाया, उनकी तैनाती ढाल की तरह: राज्यपाल सुश्री उइके

शहीदों के परिजनों से मिले राज्यपाल और गृहमंत्री
संवेदना व्यक्त करते हुए सदैव साथ खड़े रहने का दिलाया विश्वास

रायपुर : राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज माना स्थित चौथी बटालियन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस परेड में शामिल हुई और शहीद जवानों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल सुश्री उइके और गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने राष्ट्रगान की धुन पर परेड की सलामी भी ली।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने पुलिस स्मृति दिवस परेड को संबोधित करते हुए पुलिस के शहीद वीर जवानों को नमन किया। उन्होंने कहा कि स्मृति दिवस अपना कर्तव्य निभाते हुए शहीद पुलिस जवानों के अदम्य साहस और पराक्रम का स्मरण कराता है। राज्यपाल सुश्री उइके ने भगवत गीता में उल्लेखित पुलिस के ध्येय वाक्य परित्राणाय साधुनाम के अर्थ को पुलिस द्वारा सार्थक बनाने की बात कही।

उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि समय के साथ देश ने अपनी सामरिक क्षमता बढ़ाने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। पुलिस के जवानों को बेहतर प्रशिक्षण और जरूरी सुविधाएं मिलने से उनका मनोबल बढ़ा है। देश की आंतरिक सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने निरंतर शांति व सौहार्द्र स्थापित करने में अपना योगदान दिया है। हमें ऐसी धारणा नहीं बनानी चाहिए कि पुलिस के जवान केवल आंतरिक क्षेत्रों में ही सेवाएं देंगे, यदि सीमा पर हमें जवानों की आवश्यकता होगी तो वे देश रक्षा के अपने कर्त्तव्य से विमुख नहीं होंगे।

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में पुलिस के जवानों ने किस प्रकार चौबीस घंटे, सातों दिन लोगों की सेवा की और अपना कर्त्तव्य निभाया। पुलिस की कार्यप्रणाली और दायित्व सबसे अलग है। पुलिस की सजगता व सतर्कता से ही समाज में शांति व सौहार्द्र बना रहता है और लोग चौन से रह पाते हैं। इस अवसर पर उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि पुलिस कर्मियों के प्रति अपने व्यवहार में संवेदनशीलता लाएं और मानवीय दृष्टिकोण रखें। उन्होंने कहा कि आपका मृदु व्यवहार उनके तनाव प्रबंधन में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है, जो उन्हें अपने दायित्वों को बेहतर ढंग से निभाने की प्रेरणा भी देगा। इस आशय से सांस्कृतिक और शारीरिक गतिविधियों का आयोजन उनकी क्षमता बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश नक्सल समस्या से ग्रसित है। अशांत क्षेत्रों में तैनात हमारे पुलिस के जवानों ने कई मौकों पर अपने साहस का लोहा मनवाया है। उनकी तैनाती ढाल की तरह है, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विस्तार में कमी आई है। हमारे जवानों के साहस, पराक्रम और सूझबूझ से नक्सलियों का दायरा सीमित हुआ है और राज्यपाल ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में नक्सल समस्या का पूर्ण रूप से उन्मूलन होगा।

गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस स्मृति दिवस परेड को संबोधित करते हुए जांबाज अधिकारियों और जवानों की शहादत को स्मरण और नमन किया। उन्होंने कहा कि वीर जवानों ने नक्सली व अन्य घटनाओं में अदम्य साहस और वीरता का परिचय देते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है और प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात रहकर निरंतर अपने दायित्वों का निर्वहन भी कर रहे हैं। गृहमंत्री श्री साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस बल को सुरक्षा, सम्मान व सुविधाएं देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं और शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर माओवादी लगातार आत्मसमर्पण कर रहे हैं। परिणाम स्वरूप नक्सली घटनाओं में कमी आई है। अपने संबोधन के अंत में गृहमंत्री ने शहीद जवानों के परिजनों को भी विश्वास दिलाया कि शासन सदैव उनके साथ खड़ी है।
तत्पश्चात् राज्यपाल और गृहमंत्री ने वर्ष 2022 के तीन अमर शहीदों आरक्षक अर्जुन कुड़ियम, सहायक आरक्षक गोपाल कड़ती और प्रधान आरक्षक सालिक राम मरकाम को भी श्रद्धांजलि दी। स्मृति दिवस के अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा ने श्रद्धांजलि उद्बोधन दिया।
शहीद परिजनों से मिले राज्यपाल और गृहमंत्री, संवेदना व्यक्त करते हुए सदैव साथ खड़े रहने का दिलाया विश्वास.

पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके और गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने शहीद पुलिस अधिकारियों व जवानों के परिजनों से भेंट की और अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए सदैव उनके साथ खड़े रहने का विश्वास दिलाया। राज्यपाल ने शॉल और श्रीफल देकर शहीदों के परिजनों का सम्मान भी किया। राज्यपाल सुश्री उइके ने शहीदों के बेटे-बेटियों से मिलकर अभिभावक की तरह उन्हें दुलारा और स्नेह किया तथा आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी।

आप की राय

[yop_poll id="1"]

Latest news
Related news