रायपुर : स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खिलाफ एक बार फिर जमीन फर्जीवाड़े मामले में जांच बैठा दी गई है. पुरानी शिकायत के आधार पर नजूल तहसीलदार ने बाकायदा जांच का आदेश देते हुए जांच टीम भी बना दी है. 23 नवंबर 2022 को जारी इस पत्र में नजूल तहसीलदार अजय गुप्ता ने हलका पटवारी का दल गठित कर एक सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन, पंचनामा, रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.
दरअसल, सूबे में एक बार फिर सरगुजा राजपरिवार की जमीन का मामला सुर्खियों में आ गया है. जबकि इससे पहले हुई सभी जांचों में शिकायत खारिज की जा चुकी है. शिकायत में कहा गया है कि टीएस सिंहदेव और उनके परिवार के सदस्यों के नाम फर्जी तरीके से जमीन पाई गई है. जांच के लिए जारी आदेश में राजस्व विभाग के 6 अधिकारियों की टीम बनाई गई है.
इस टीम में राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह, राजस्व निरीक्षक नजूल राजबहादुर, अशीष गुहा और विजय श्रीवास्तव समेत हल्का पटवारी श्रवण पाण्डेय और महेंद्र गुप्ता का नाम शामिल है. जांच के आदेश जारी होते ही एक बार फिर सरगुजा की राजनीतिक गरमा गई है. वहीं, इस मामले में कलेक्टर कुंदन कुमार का कहना है कि मुझे इस आदेश के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे जानकारी मिली है. मैंने एसडीएम और नायब तहसीलदार से बात की है. पूरे मामले के संदर्भ में जल्द ही एसडीएम और नायब तहसीलदार मुझे अवगत कराएंगे. उनका कहना है कि आदेश कहां से निकला है? इसकी जांच करा रहे हैं.
खुली किताब है, और जांच करा लें
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि जांच किसके कहने पर और कौन करा रहा है। पहले भी कलेक्टर से लेकर नायब तहसीलदार तक जांच कर चुके हैं। भाजपा शासनकल में भी जांच हो चुकी है। इसके बावजूद बार-बार जांच क्यों हो रही है, यह किसी से छिपा नहीं है। आजादी के बाद रियासतों को मर्ज किया गया था तब अंतराष्ट्रीय कानूनों के तहत सरकार की सहमति से ही संपत्ति का हक तय किया गया था। यह खुली किताब है, कोई भी देख सकता है। इसकी और भी जांच करवा लें, वे स्वतंत्र हैं।