दुर्ग में ’पेलिएटिव नर्सिंग केयर’’पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ
भिलाई : न्यूज़ 36 : शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय, दुर्ग द्वारा पेलिएटिव नर्सिंग केयर विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन 2 व 3 फरवरी को सीए भवन सिविक सेंटर भिलाई में किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा परिभाषित पेलिएटिव केयर वह है जिसमें गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीज (जिसका जीवन केवल कुछ ही दिन का रह जाता है) एवं उनके परिवार की संपूर्ण सक्रिय देखभाल की जाती है।
यह देखभाल बीमारी की पीड़ा को कम करती है एवं जीवन और मृत्यु दोनों की गुणवत्ता में सुधार करती है। इस तरह कीदेखभाल को नर्सिंग छात्राओं एवं शिक्षिकाओं को प्रशिक्षित करना ही इस कार्याशाला का उद्देश्य है। इस हेतु देश के सुप्रसिद्ध पेलियम इंडिया फाउंडेशन त्रिवेंद्रम से वक्ताओं की टीम उद्बोधन एवं प्रशिक्षण देने आई है।
उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. विष्णु दत्त, संचालक चिकित्सा शिक्षा छत्तीसगढ़ एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. पीके पात्रा, अधिष्ठाता, चंदूलाल चंद्राकर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, कचांदुर, दुर्ग, वंदना चंसोरिया, प्राचार्य, शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय, रायपुर तथा नीतु त्रिपाठी, नोडल अधिकारी, नर्सिंग शाखा, संचालनालय चिकित्सा शिक्षा छत्तीसगढ़ उपस्थित थे।
कार्यशाला के प्रथम दिन पैनल डिसकशन के द्वारा पेलिएटिव केयर के कान्सेप्ट, सिद्धांत, माडल, चुनौतियां एवं स्कोप पर चर्चा हुई। जिसमें भारत में पेलिएटिव केयर के जनक कहे जाने वाले पद्मश्री डॉ. राजगोपाल, डायरेक्टर एवं फाउंडर, डॉ. चैतन्या मल्लिक, संगवारी एनजीओ सरगुजा, विजि मैथ्यूस, प्रोग्राम मैनेजर, इंटीग्रेटेड एंड कम्यूनिटी हेल्थ, सिडनी आस्ट्रेलिया (आनलाईन मोड), डॉ अविनाश तिवारी, कंसल्टेंट, पेलिएटिव मेडिसिन, संजीवनी सीबीसीसी अस्पताल, रायपुर, जीबी जार्ज, आदेश्वर नर्सिंग इंस्टीट्यूट, जगदलपुर एवं रमा राजेश, प्राचार्या, शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय, दुर्ग सम्मिलित हुए एवं पैनल चर्चा से उपस्थित सभी प्रशिक्षुओं का ज्ञानवर्धन एवं मार्गदर्शन किया।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न शासकीय एवं निजी नर्सिंग महाविद्यालय से शैक्षणिक स्टाफ एवं नर्सिंग की छात्राओं में 250 ने प्रत्यक्ष एवं 400 ने आनलाईन माध्यम से कार्यशाला का लाभ लिया। संचालन शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय, दुर्ग की शिक्षिकाओं एवं एम.एस.सी. नर्सिंग की छात्राओं द्वारा किया गया। कार्यशाला के दौरान पेलिएटिव केयर पर मैग्जीन का प्रकाशन किया गया। जिसमें वंदना चौहान एवं सपना ठाकुर, सह-प्राध्यापक का विशेष योगदान रहा। इस कार्यशाला की समन्वयक सुनीता वर्मा, ममता शशि साहू एवं कल्पना भूषण जोशी, सह-प्राध्यापक रहीं।