Tuesday, April 16, 2024

क्या आपको भूलने की आदत है ? जानिए क्या कहती है रिसर्च

बचपन में दादा-दादी, माता-पिता और बड़े भाई-बहन से आपने जरूर सुना होगा, सुबह जल्दी जगकर पढ़ाई करनी चाहिए। आज भी सूर्योदय से पहले कई होस्टल्स के रीडिंग रूम बल्ब की रोशनी से जगमगा उठते हैं। टॉपर्स का भी मानना है कि सुबह की पढ़ाई एग्जाम के लिए काफी प्रोडक्टिव होती है। इसलिए जल्दी सोना और जल्दी जगना जरूरी है। वहीं कई रिसर्च भी इस बात को साबित कर चुकी हैं।

रिसर्च के अनुसार सुबह जल्दी उठने से सेहत और पढ़ाई दोनों को लाभ मिलता है। व्यस्त दिनचर्या को सिस्टमैटिक ढंग से रुचिकर बनाकर सुबह जल्दी जगा जा सकता है। सुबह की पढ़ाई याददाश्त शक्ति को मजबूत करती है। इससे स्टूडेंट दिनभर सकारात्मक एनर्जी से भरे रहते हैं। दरअसल, एग्जाम में सफलता पाने का राज सुबह की पढ़ाई में छिपा है।

यह कहती है स्टडी

यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स की ओर से की गई स्टडी में सामने आया कि इंसान दिनभर में दो तरह से प्रोसेस करता है, सिमेंटिक और डिक्लेरेटिव। सुबह के समय हम डिक्लेरेटिव प्रोसेस में होते हैं शांत होते हैं। ऐसे में घोषणात्मक मेमोरीज हमें आसानी से याद हो जाती हैं जैसे फैक्ट्स, डेट्स, नाम और फिगर्स। यही कारण है कि सुबह की पढ़ाई हमें याद हो जाती है। वहीं दोपहर के बाद हम सिमेंटिक मेमोरी प्रोसेस में होते हैं। दिमाग में काफी बातें भी चलती हैं, इस समय हमें बाकी जानकारी मिलती है, वो याद रख पाते हैं।  

कम समय में ज्यादा याद

सुबह पढ़ने का सबसे बड़ा फायदा यही है कि एक रीडिंग में ही फैक्ट और कॉन्सेप्ट दोनों याद हो जाते हैं। सुबह मन-मस्तिष्क तरोताजा रहता है। बेकार के विचार दिमाग में नहीं रहते हैं। इसलिए विभिन्न विषय वस्तुओं को आत्मसात करने के लिए ज्यादा एफर्ट नहीं लगाना होता है। यानी सुबह की पढ़ाई में दिमाग पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता है।

रिवीजन में आसानी

एग्जाम क्रैक करने के लिए कठिन विषयों को मजबूत करना सबसे जरूरी होता है। ज्यादा शोरगुल, तनाव, दबाव और विपरीत माहौल में हमारा दिमाग कंटेंट को सही से रिवाइज नहीं कर पाता है। सुबह किसी भी प्रकार के शोरगुल, तनाव और दबाव नहीं होते हैं। इसलिए कठिन विषयों के रिवीजन में आसानी होती है। सुबह कठिन विषयों पर भी काबू पाया जा सकता है।

याददाश्त शक्ति मजबूत

पढ़े हुए टॉपिक को भूलना हम लोगों की आदत होती है। जैसे-जैसे दिन गुजरते जाते हैं वैसे-वैसे भूलने की प्रवृत्ति तेज होती जाती है। किंतु यदि भूल चुके टॉपिक को सुबह पढ़ा जाए तो भूलने की प्रवृत्ति से मुक्ति मिल सकती है। इससे हम लोग ज्यादा समय तक चीजों को याद रख सकते हैं।

फोकस ऑन स्टडी

सुबह किसी भी प्रकार का भटकाव नहीं होता है। मन शांत अवस्था में रहता है जिससे पढ़ाई में मन लगता है। इस समय एकाग्रता के साथ पढ़ाई संभव हो पाती है। यदि ध्यान लगाकर पढ़ा जाए तो विषय रुचिकर बन जाता है। कठिन और नीरस विषयों को भी फोकस होकर पढ़ा जा सकता है। 

एग्जाम क्रैक करने में सहायक

एग्जाम से पहले सुबह पढ़ना स्टूडेंट के लिए फायदेमंद साबित होता है। यदि आपके व्यवहार में सुबह जल्दी जगकर पढ़ना शामिल नहीं है तो भी एग्जाम से एक-दो महीने पहले इसे अपनी आदत बना लीजिए। इससे आप सिलेबस के सभी विषयों पर मजबूत पकड़ बना पाएंगे और आत्मविश्वास बढ़ेगा। एग्जाम के प्रेशर में आकर देर रात तक पढ़ना सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है।

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