Friday, April 26, 2024

Chandra Grahan 2022: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को , सूतक काल में ना करें ये काम

Chandra Grahan 2022: 8 नवंबर दिन मंगलवार को चंद्र ग्रहण लग रहा है. यह कार्तिक पूर्णिमा को लगने वाला है. यह साल 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण है. यह चंद्र ग्रहण देश के कई हिस्सों में आंशिक तौर पर दिखाई देगा, जबकि पूर्वी हिस्सों में स्पष्ट तौर पर देखा जा सकेगा.

स्थान और काल के आधार पर चंद्र ग्रहण के प्रारंभ समय में अंतर हो सकता है, लेकिन समापन हर जगह एक ही समय पर होगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण समय से 09 घंटे पहले ही प्रारंभ हो जाता है. जिस स्थान पर ग्रहण प्रारंभ का जो समय होगा, उससे 09 पूर्व से सूतक काल की गणना करनी चाहिए.

चंद्र ग्रहण 2022 समय

दिल्ली में 08 नवंबर को चंद्र ग्रहण का समय शाम 05 बजकर 32 मिनट पर है. इस समय से चंद्र ग्रहध प्रारंभ होगा और इसका समापन शाम 06 बजकर 18 मिनट पर होगा. ग्रहण के प्रारंभ से लेकर मोक्ष तक का समय ग्रहण काल कहलाता है.

चंद्र ग्रहण 2022 सूतक काल का समय

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण का सूतक काल 09 घंटे पहले शुरू होगा. ऐसे में 08 नवंबर को चंद्र ग्रहण का सूतक काल सुबह 09 बजकर 21 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा. स्थान के आधार पर सूतक काल के प्रारंभ समय में अंतर संभव है.

यह ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा को लग रहा है. कार्तिक पूर्णिमा 07 नवंबर को शाम 04:15 बजे से शुरू होकर 08 नवंबर को शाम 04:31 बजे तक है.

सूतक काल में क्या न करें

  • सूतक काल के समय में सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करते हैं. ये वर्जित होते हैं. इनको करने से शुभ फल प्राप्त नहीं होते हैं.
  • इस समय में पूजा पाठ और धार्मिक कार्य बंद होते हैं. सूतक काल में मंदिरों के कपाट भी बंद कर देते हैं.
  • सूतक काल में खाना नहीं खाना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि इस समय का भोजन दूषित हो जाता है.
  • इस समय में सोना भी वर्जित होता है. लेकिन रोगी, बालक और वृद्ध व्यक्तियों को इससे छूट प्राप्त है.
  • ग्रहण काल और सूतक काल के समय में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर जाने की मनाही होती है और उन्हें नुकीली वस्तुओं का उपयोग नहीं करना चाहिए.

चंद्र ग्रहण ग्रहण के दौरान मंत्र जाप

चंद्र ग्रहण के दौरान गुरु मंत्र गायत्री मंत्र या इष्ट देवता का मंत्र का जाप करना शुभ होता है। वहीं ग्रहण के बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं। ” ॐ नम: शिवाय ,, मंत्र का जाप करें। इससे चंद्र ग्रहण के बुरे प्रभावों का असर नहीं पड़ेगा। साथ ही इस मंत्र का जप करे “ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात।

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