अक्सर सिखाया जाता है कि कोई जरुरत में हो तो उसकी मदद करों। ये बात सही भी है लेकिन कभी-कभी कुछ परिस्थितियों में हमें दया नहीं करनी चाहिए। ऐसा ही कुछ सिखाया गया है आचार्य चाणक्य की चाणक्य निति में। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में ना सिर्फ राजनीतिक कूटनीति को समझाया बल्कि आम जिंदगी में काम आने वाली ज़रूरी बातों के बारे में भी बताया है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिंदगी में कभी इन तीन लोगों की मदद नहीं करनी चाहिए।
हमेशा दुखी रहने वाला इंसान !
आचार्य चाणक्य कहते हैं जो व्यक्ति बुद्धिमान होता है वो संतोष करना भी जानता है। इसके विपरीत आपके आस पास ही कई लोग ऐसे होंगे जो हमेशा दुखी रहते होंगे और विलाप करते होंगे। ऐसे लोग अपने पास मौजूद सुख का भी उपभोग नहीं कर पाते है और हमेशा रोते रहते है। बेकार में रोना दूसरे शख्स को भी परेशान करता है। हमेशा विलाप करने वाले लोग, दूसरों की खुशी से ईर्ष्या भी करते हैं और मन ही मन उनके लिए बुरा भाव भी रखते हैं। ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहे क्योंकि ये सिर्फ दुखी होने का दिखावा करते हैं बल्कि आपको भी नकारात्मक वातावरण में लेकर जाते हैं।
चरित्रहीन और दुष्ट महिला!
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दुष्ट स्वभाव की स्त्री, चरित्रहीन महिला और दूसरों का अपमान करने वाली स्त्री की कभी मदद नहीं करनी चाहिए। आपकी मदद का वो गलत इस्तेमाल कर सकती हैं। आप दया कर ऐसी स्त्री की मदद करेंगे और ये आप पर ही भारी पड़ेगा। ऐसी स्त्री समाज के लिए किसी जहरीले सांप की समान है। ऐसी स्त्री अपने ये गुण आने वाली संतान को भी देती हैं और आगे चल कर वो भी समाज में इसी रीत को आगे बढ़ाता है। ऐसी स्त्री को सिर्फ धन से मोह होता है। जो जरुरत के वक्त आपको कभी भी मदद नहीं करेगी।
मूर्ख व्यक्ति की न करे सहायता!
आचार्य चाणक्य कहते हैं किसी मूर्ख को उपदेश देना, पूरी तरह से अपने वक्त की बर्बादी है। मूर्ख व्यक्ति आपको तर्क वितर्क से हराने की कोशिश करेगा। उसके भले के लिए बोले गए आपके हर एक शब्द को अपने ईगो पर लेगा और आपका दुश्मन बन जाएगा। मूर्ख लोगों से बात करने भर से ही आपको मानसिक तनाव महसूस होगा।