Tuesday, December 3, 2024

क्‍या सच में क्या डिलीवरी के बाद सिर को ढककर न रखने से नई माँ को ठंड लग सकती है?

नहीं, ऐसा नहीं है कि शिशु के जन्म के बाद यदि नई माँ सिर ढक कर न रहे तो उसे ठंड लग सकती है। डिलीवरी के बाद शुरुआती 40 दिनों तक सिर ढककर रखना बहुत से समुदायों में प्रसवोत्तर एकांतवास की एक लोकप्रिय प्रथा है। इसके पीछे तर्क यह दिया जाता है कि शरीर की गर्मी मुख्यत: सिर के जरिये बाहर निकलती है और नई माँ को प्रसव से उबरने के लिए शरीर की गर्मी को बनाए रखना होता है।

माना जाता है कि सिर ढककर रहने से शरीर की गर्माहट को बाहर निकलने से रोका जा सकता है। कुछ मांओं को तो कान ढकने की या कान में रुई लगाने की सलाह भी दी जाती है, ताकि कानों के जरिये हवा शरीर में प्रवेश न कर सके। हालांकि, यह कह पाना मुश्किल है कि ये उपाय कितने कारगर हैं।

यदि आपकी डिलीवरी सर्दियों में हुई है और आपको ठंड लग रही है तो सिर ढकने से आपको आराम महसूस हो सकता है। मगर, सर्दी के मौसम में गर्माहट पाने के लिए सिर्फ सिर ढकने से काम नहीं चलेगा, आपको गर्म कपड़े भी पहनने होंगे।

जिन मांओं की डिलीवरी गर्म और आर्द्र मौसम में हुई है, उन्हें सिर ढकने से गर्मी लग सकती है और पसीना आ सकता है। खासतौर पर यदि आपके परिवारजन एकांतवास की अवधि के दौरान आपको एसी और कूलर में रहने से मना करें तो।

बहुत सी मांए मानती हैं कि प्रसव के बाद की एकांतवास की प्रथाएं जैसे कि घर के अंदर रहना, पर्याप्त आराम करना और मालिश करवाना आदि प्रसव के उबरने में काफी मदद करता है। मगर यदि आपको इनमें से कुछ प्रथाओं का पालन करना मुश्किल लगे तो अपने परिवारजनों से बात करें। हो सकता है इसका कोई समाधान निकल सके।

बहुत सी नई मांए एकांतवास की ऐसी प्रथाओं का पालन नहीं करती जो उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को मुश्किल बनाती हैं। वहीं कुछ अन्य माएं मौसम को देखते हुए इन प्रथाओं में कुछ बदलाव कर लेती हैं, ताकि वे कुछ हद तक परंपरा का पालन भी करें और आरामदेह भी रहें।

उदाहरण के तौर पर, यदि डिलीवरी गर्मी के महीनों में हुई है तो भी थोड़ी ठंडक के समय हल्का स्कार्फ या पतला सूती या मलमल का दुपट्टा सिर पर ढक सकती हैं। आप शाम ढलने के बाद या फिर सुबह-सुबह अपना सिर ढक सकती हैं या फिर कमरे में एसी या कूलर चल रहा हो तो।

यदि आपके शिशु का जन्म सर्दियों में हुआ है तो आप लंबे समय के लिए गर्म स्कार्फ, मफलर, शॉल या ऊनी टोपी पहन सकती हैं। मगर यह पूरी तरह आपको ऊपर निर्भर है कि आपको क्या उचित लगता है।

बहरहाल, यदि आप हवा में मौजदू रोगाणुओं व कीटाणुओं के संपर्क में आती हैं, तो आपको सर्दी-जुकाम हो सकता है। बीमार लोगों के आसपास ये रोगाणु पाए जाते हैं। सर्दी-जुकाम हाथ से हाथ के स्पर्श से भी फैल सकता है। कुछ साधारण एहतियात बरतकर आप स्वस्थ रह सकती हैं और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

शिशु को जन्म देना एक मेहनत और थका देने वाला काम है और आपके शरीर को इससे पूरी तरह उबरने के लिए समय चाहिए होता है। किसी भी समय आपकी तबियत ठीक न लगे या प्रसव के बाद के कोई खतरनाक लक्षण महसूस हों, तो अपनी डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें। कुछ स्थितियों में तुरंत चिकित्सकीय उपचार की जरुरत होती है और इन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।

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