Saturday, July 27, 2024

गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, राजीव गांधी फाउंडेशन का लाइसेंस किया रद्द , विदेशी फंडिंग में धांधली का आरोप

नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए गांधी परिवार से जुड़े एक गैर सरकारी संगठन पर कार्रवाई की है। सूत्रों की मानें तो MHA ने राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) का लाइसेंस रद्द कर (License of Rajiv Gandhi Foundation canceled) दिया है।

गृह मंत्रालय ने ये कार्रवाई फोरगेन कन्ट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट (Foreign Contribution (Regulation) Act) के तहत किया है। संगठन पर विदेशी फंडिंग कानून के कथित उल्लंघन का आरोप है। साथ ही संगठन में अब तक जो पैसे आए हैं, उसकी भी जांच होगी।

2020 में लगा था आरोप

साल 2020 में Rajiv Gandhi Foundation पर पहली बार आरोप लगे थे। उस आरोप में कहा गया था कि, फाउंडेशन को चीन से 90 लाख रुपए मिले हैं और यह कानून के विरुद्ध था। जिसके बाद कई तरह के सवाल भी उठे। फिर जुलाई 2020 मे MHA ने मंत्रालय के अंदर कमेटी बनाई थी, उसकी रिपोर्ट के आधार पर अब ये फैसला लिया गया है। सूत्रों के अनुसार, लाइसेंस रद्द करने का नोटिस राजीव गांधी फाउंडेशन के ऑफिस बियरर को भी भेज दिया गया है।

1991 में हुई थी संगठन की स्थापना

राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) की स्थापना 1991 में हुई थी। इसका मकसद था कि, ये संगठन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के विजन को पूरा कर सके। फाउंडेशन की ऑफिश‍ियल वेबसाइट rgfindia।org पर दी गई जानकारी के अनुसार 1991 से 2009 तक फाउंडेशन ने स्वास्थ्य, साक्षरता, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिला और बाल विकास, निःशक्तजनों को सहायता, पंचायती राज संस्थाओं, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, और पुस्तकालयों जैसे कई मुद्दों पर काम किया है।

गांधी परिवार है ट्रस्टी

राजीव गांधी फाउंडेशन गांधी परिवार से जुड़ा एक गैर-सरकारी संगठन है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी RGF की अध्यक्ष हैं। उनके अलावा संगठन के ट्रस्टियों में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं।

अब आगे क्या होगा?

ऐसा माना जा रहा है कि, इस मामले में गांधी परिवार समेत कांग्रेस के कई नेताओं पर गाज गिर सकती है। जल्द ही इस केस को सीबीआई को सौंप दिया जाएगा। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर सकती है। खासतौर पर चीन से मिली फंडिंग की जांच होगी। यह पैसा कहां से दिया गया और क्यों दिया गया, इसका पता लगाया जाएगा। वहीं, भाजपा ने तो यह भी आरोप लगाया है कि चीन से मिली फंडिंग के अलावा भी इस संगठन ने कई बेनामी ट्रांजेक्शन भी किए हैं, जिसके बारे में पता लगाना चाहिए।

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