Saturday, July 27, 2024

India-China Clash: अरुणाचल में भारत-चीन के सैनिकों में झड़प, दोनों पक्षों को आईं चोटें

India-China Clash: अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर है. समाचार एजेंसी ANI की जानकारी के मुताबिक, तवांग सेक्टर में एलएसी पर दोनों सेनाओं (Indian Army) के बीच ये झड़प 9 दिसंबर की रात हुई. इस झड़प में दोनों सेनाओं के सैनिकों को मामूली चोटें आई हैं. इस झड़प के बाद भारत के कमांडरों ने शांति बहाल करने के लिए चीन के कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग की. जिसके बाद मामला सुलझा लिया गया.

हालांकि, एक सूत्र ने संकेत दिया कि इसमें 200 से अधिक चीनी सैनिक शामिल थे. वे डंडे और लाठियां लिए हुए थे और चीनी पक्ष की ओर घायलों की संख्या अधिक हो सकती हैं. हालांकि, इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं है. (India-China Clash)

भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ा

समाचार एजेंसी ANI की जानकारी के मुताबिक, तवांग में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी LAC तक पहुंचना चाह रही थी. चीनी सैनिकों के इस कदम का वहा तैनात भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता और ताकत के साथ विरोध किया. इस दौरान दोनों सेनाओं के बीच झड़प भी हुई. हालांकि, भारत के जवानों ने LAC तक पहुंचने की कोशिश कर रहे चीनी सेनाओं को पीछे धकेल दिया.

थलसेना ने जारी किया बयान

भारतीय थलसेना ने एक बयान में कहा, ‘‘पीएलए के सैनिकों के साथ तवांग सेक्टर में एलएसी पर 9 दिसंबर को झड़प हुई. हमारे सैनिकों ने चीनी सैनिकों का दृढ़ता के साथ सामना किया. इस झड़प में दोनों पक्षों के कुछ जवानों को मामूली चोटें आईं.”

फ्लैग बैठक के बाद हालात कंट्रोल में

थलसेना ने अपने बयान में कहा, ‘‘दोनों पक्ष तत्काल क्षेत्र से पीछे हट गए. इसके बाद हमारे कमांडर ने स्थापित तंत्रों के अनुरूप शांति बहाल करने के लिए चीनी समकक्ष के साथ ‘फ्लैग बैठक’ की.” सेना के बयान में झड़प में शामिल सैनिकों और घटना में घायल हुए सैनिकों की संख्या का उल्लेख नहीं किया गया.

2006 से चल रहा है विवाद

सेना ने कहा, ‘‘अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर में एलएसी से सटे अपने दावे वाले कुछ क्षेत्रों में दोनों पक्ष गश्त करते हैं. यह सिलसिला 2006 से जारी है.” रिपोर्ट्स के मुताबिक, 17 हजार फीट की ऊंचाई पर यह झड़प हुई. बड़ी तादाद में चीन के सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय सैनिक इस तरह की हरकत के लिए पहले से ही तैयार थे.

लद्दाख के गलवान घाटी में 2020 को हुई थी झड़प

इससे पहले 15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 38 सैनिक मारे गए थे. हालांकि चीन ने 4 सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी.

अरुणाचल से सटे सीमा पर चीन ने बदले 15 स्थानों के नाम

पिछले साल, चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे क्षेत्र में 15 स्थानों के नाम चीनी और तिब्बती रख दिए थे. चीन की सिविल अफेयर्स मिनिस्ट्री ने कहा था- यह हमारी प्रभुसत्ता और इतिहास के आधार पर उठाया गया कदम है. यह चीन का अधिकार है. इसके पहले 2017 में चीन ने 6 जगहों के नाम बदले थे. चीन के इस कदम का भारत ने भी करारा जवाब दिया. चीन दक्षिणी तिब्बत को अपना क्षेत्र बताता है. उसका आरोप है कि भारत ने उसके तिब्बती इलाके पर कब्जा करके उसे अरुणाचल प्रदेश बना दिया. 

वहीं, सितंबर में दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख के गोगरा-हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में ‘पेट्रोलिंग प्वाइंट 15′ से समन्वित और योजनाबद्ध तरीके से अपने सैनिकों के पीछे हटने की घोषणा की थी. हालांकि, बाद में चीन ने सैनिकों को पीछे हटाने से इनकार कर दिया था. (India-China Clash)

आप की राय

[yop_poll id="1"]

Latest news
Related news