Friday, November 28, 2025

नौकरी लगाने के नाम पर 33.50 लाख की ठगी, तीन आरोपी गिरफ्तार

32 युवाओं से ली रकम, हर किसी से 2.50 लाख लिया गया

भिलाई : न्यूज़ 36 : रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पदार्फाश पुलिस ने किया है। पुलिस ने तीन आरोपी युवकों को गिरफ्तार किया है। घटना उतई थाना क्षेत्र का है। एएसपी अभिषेक झा ने बताया कि वेदांता नगर दुर्ग निवासी रीति देशलहरा ने 18 – नवंबर 2023 को शिकायत पुलिस से की थी। बताया गया था कि नवरात्रि पर्व 2022 में परिचित बिशेश्वर मारकंडे उनके घर आया था। बिशेश्वर ने रीति देशलहरा के पति को बताया कि वह रसमड़ा रेलवे माल गोदाम में लीडर है। स्थायी नौकरी दिलवा सकता है। बिशेश्वर ने दावा किया कि वह तीन माह के भीतर उसकी नियुक्ति हो जाएगी। इसके लिए प्रति व्यक्ति 2.50 लाख रुपए देना होगा। झांसे में आकर 32 युवकों ने रेलवे में नौकरी के लिए 24 दिसंबर 2022 से 24 अप्रैल 2023 के बीच रुपए 33.50 रकम वसूला गया था।

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लेकिन आरोपी से कई बार नौकरी की जानकारी लेने पहुंचते थे। आरोपी युवकों ने युवाओं को नौकरी दिलाने का आश्वासन लगातार देते थे। महीनों बीत जाने के बाद भी युवाओं की नौकरी नहीं लग पाई। परेशान लोगों ने रकम वापस करने आरोपियों पर दबाव बनाया।

परेशान होकर पुलिस के पास युवा पुहुचे। पुलिस जांच में पता चला कि बिशेश्वर पहले माल गोदाम में हमाली का काम करता था। तब से हेमंत साहू से पहचान हुई। जो खुद को रेलवे माल गोदाम श्रमिक संगठन का सचिव बताता था। प्रमोद मारकंडे भी इस ठगी के गिरोह का हिस्सा था। इस ठगी मामले में पुलिस ने आरोपी ग्राम चारभाठा ठेकुआ रानीतराई निवासी बिशेश्वर मारकंडे, प्रमोद मारकंडे, मकान नंबर 214 सरोना चौक आमानाका रायपुर हेमंत कुमार साहू को गिरफ्तार किया है। कार्रवाई में उतई थाना प्रभारी महेश ध्रुव समेत उनकी टीम का योगदान रहा है।

ठगी की रकम को स्वयं के उपयोग में लाया

एएसपी अभिषेक झा के मुताबिक आरोपियों के पूछताछ में बताया कि हेमंत साहू बेरोजगार युवकों को नौकरी का लालच देता था। बिशेश्वर उम्मीदवार लाता था और रकम हेमंत को सौंप दी जाती थी। रेल माल गोदाम में पदस्थ कर्मचारी होना दिखाकर इन्हें जुगाड करने का भरोसा दिलाया गया था। नौकरी के लिए युवाओं द्वारा पूछताछ करते थे। तो आरोपियों द्वारा बहाने बनाकर उन्हें गुमराह किया जाता। इस दौरान युवाओं को रकम तक नहीं लौटाया जाता था। मिले रकम से आरोपियों ने गाड़ियां खरीदी, घर बनाने और निजी खचों में उपयोग करना स्वीकार किया।

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