साजा(अभिषेक) : न्यूज़ 36 : स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर साजा में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित सप्तशक्ति संगम का कार्यक्रम आयोजित किया गया। बहन जिज्ञासा श्री साहू द्वारा गीत प्रस्तुत की प्रस्तुति दी गई । सर्वप्रथम मुख्य अतिथि श्रीमती प्रेरणा शौर्यजीत सिंह (नगर पंचायत साजा की उपाध्यक्ष) ,मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमती सपना चौबे जी (विकासखंड समन्वयक) एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही श्रीमती सविता साहू परसबोड़ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा मां सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया ।

इसके पश्चात कार्यक्रम की संयोजिका सविता वर्मा दीदी एवं सह संयोजिका ढामेश्वरी साहू दीदी एवं पार्षद पार्वती वर्मा द्वारा अतिथियों का स्वागत मंगल तिलक, पुष्पगुच्छ एवं श्रीफल भेंट कर किया गया। तत्पश्चात इशिका श्री साहू दीदी ने बताया कि भारतीय संस्कृति में नारी को शक्ति करुणा ममता समर्पण त्याग का स्वरूप माना है वह घर परिवार की मर्यादाओं की रक्षक,पत्नी ,बहन ,बेटी के रूप में विभिन्न भूमिकाओं को क्रमशः प्रस्तुत करती है। हमारा यह कार्यक्रम पंच परिवर्तन पर आधारित था। यह पंच परिवर्तन- कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, स्व का बोध, नागरिक कर्तव्य पर आधारित था। कुटुंब प्रबोधन में श्रीमती सपना चौबे जी ने प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त परिवार धीरे-धीरे एकल परिवार में परिवर्तित होते जा रहा है जिसके कारण परिवार का महत्व आज की युवा पीढ़ी नहीं समझ पा रही है और अकेले रहना ही पसंद करते हैं यह जिम्मेदारी हम सबकी है और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है घर-घर में मोबाइल का होना। मोबाइल ने हमारे परिवार, रिश्ते नाते सभी को छीन लिया है अतः हमें जागरूक रहना पड़ेगा ।
परिवार में भोजन एक साथ हो, पूजा एक साथ हो, छोटे अपने से बड़ों का आदर करें और एक दूसरे का सम्मान करें तभी हम परिवार को बनाए रख सकते हैं। इस कार्यक्रम में सभी माताओं के लिए धार्मिक संस्कृति व दैनिक दिनचर्या पर आधारित प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम रखा गया जिसमें सभी माता ने उत्साहपूर्वक भाग लिया एवं उन्हें पुरस्कृत किया गया। प्रेरणादाई महिलाओं के संदेश (वेशभूषा के साथ) विद्यालय की बहनों द्वारा दिया गया। इसके पश्चात नगर पंचायत साजा की उपाध्यक्ष श्रीमती प्रेरणा शौर्यजीत सिंह जी ने भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका के विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सबका आधार भारतीय महिला ही है वह अपने कार्य को अपना दायित्व नहीं बल्कि अपितु धर्म भी समझती हैं। भारतीय महिलाओ के भीतर अनेक गुण विद्यमान होते हैं वह घर पर रहकर ही आत्मनिर्भर बन सकती है ।

विशिष्ट माताओं का सम्मान किया गया तत्पश्चात पार्षद पार्वती वर्मा एवं चंचल साहू ने अपना अनुभव कथन प्रस्तुत किया। श्रीमती सविता साहू ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि नारियों के विकास से ही संपूर्ण राष्ट्र विकसित होता है नारियों के विकास के लिए हमेशा हमें तत्पर रहना चाहिए। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री गुनीराम साहू द्वारा आभार ज्ञापन किया गया ।कार्यक्रम के अंतिम में सभी माताओं ने संकल्प लिया। इस कार्यक्रम में 300 से अधिक माताएं सम्मिलित हुई।
