Friday, November 28, 2025

सेल के हजारों कार्मिक हायर पेंशन से वंचित, सेफी ने तेज किया संघर्ष

पेंशन के लिए कोर्ट में जाने सेल प्रबंधन की मिली अनुमति से अब राहत की उम्मीद

सेफी कर रही यूनिटों के कर्मियों को एकजुट

भिलाई : न्यूज़ 36 : सेल के हजारों अधिकारियों और कर्मियों को ईपीएफओ की उदासीनता का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इसे देखते हुए सेफी नेअब कार्मिकों को लाभ दिलाने संघर्ष तेज कर दिया है। सेल प्रबंधन के कार्मिकों को न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाने की अनुमति मिलने के बाद सभी यूनिटों के लोगों को एकजुट किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि सेफी ईपीएस 95 हायर पेंशन ईपीएस-95 हायर पेंशन के लिए 2017 से ही संघर्षरत रहा है। मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक्सजेम्टेड पीएफ ट्रस्टों को हायर पेंशन के दायरे से बाहर रखा था। सेफी ने अपने अपेक्स संगठन, एनसीओए (नेशनल कांफेडरेशन ऑफ आफिसर्स एसोसिएशन) के बैनर तले सुप्रीम कोर्ट में ईपीएस-95 हायर पेंशन हेतु कानूनी लड़ाई लड़ी थी। नतीजतन 4 नवम्बर 2022 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ब्द एक्सजेम्टेड पीएफ ट्रस्टों को हायर पेंशन के लिए पान्त्रता प्रदान की गयी।

Oplus_16908288

सेफी चेयरमेन, एनसीओए के वर्किंग प्रेसिडेंट और ओए-बीएसपी के अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार बंछोर ने ईपीएस-95 के तहत सेल के विभिन्न इकाईयों के कार्मिकों के हित में ईपीएस-95 हायर पेंशन के लिए संघर्ष को और तेज करने की जानकारी दी। श्री बंछोर ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के 4 नवम्बर 2022 के फैसले के अनुरूप कार्मिकों को हायर पेंशन दिया जाना चाहिए था लेकिन ईपीएफओ के द्वारा नियम कानून की गैर जरूरी व्याख्या कर इसे लटकाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय को ढाई वर्ष से अधिक बीत चुका है बावजूद इसके आज भी लाखों लोग हायर पेंशन की सुविधा से वंचित हैं।,,।

हायर पेंशन से वंचित करने से असंतोष

सेफी ने कहा कि ईपीएफओ ने एक्सजेम्टेड पीएफ ट्रस्ट में अनावश्यक कमियां निकालकर इन कार्मिकों को हायर पेंशन से वंचित करने का षड्यंत्र किया है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में उल्लेख है कि यह ईपीएफओं के अनावश्यक विवाद को सुलझाया जा सकता है। लेकिन ईपीएफओ ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों के श्रमिकों पेंशनभोगियों को उच्च वेतन पर उच्च पेंशन (पीओएचडब्ल्यू) के लिए वैध अधिकार से वंचित करने के लिए अनेक हथकंडे अपना रहा है। जबकि कोर्ट के निर्णय में दर्शाया गया है कि अधिसूचना संख्या जीएसआर 609 (ई) 22 अगस्त 2014 द्वारा पेंशन योजना में लाया गया संशोधन छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों पर उसी तरह लागू होगा जैसे नियमित प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों पर लागू होता है। ईपीएफओ द्वारा जारी मनमाने परिपत्रों में गलत तरीके से व्याख्या कर लोगों को हायर पेंशन से वंचित करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है जो कि न्यायसंगत नहीं है।

पीएम से भी लगाई थी गुहार

सेफी चेयरमैन ने बताया कि कार्मिकों को हायर पेंशन दिलाने के लिए प्रत्येक स्तर पर प्रयास किया गया। इसमें संबंधित मंत्री. ईपीएफओ के केन्द्रीय अधिकारी, ईपीएफओ के क्षेत्रीय अधिकारी तथा सेल व बीएसपी प्रबंधन से निरंतर पत्र व्यवहार व संवाद किया गया है। लेकिन ईपीएफओ के अड्‌यिल रवैये ने हायर पेंशन के इस मुद्दे को जटिल बना दिया है। सेफी चेयरमेन नरेंद्र बंछोर ने सेल व बीएसपी प्रबंधन से ईपीएस-95 हायर पेंशन के लिए ईपीएफओ के विरूद्ध न्यायालय की शरण में जाने की मांग की थी। नरेंद्र बंछोर ने बताया कि प्रत्येक कार्मिक का हायर पेंशन के लिए
व्यायालय में जाना और उसके खर्चे को वहन करना संभव नहीं है। सभी यूनिटों के कार्मिकों को व्यायालय में केस दायर किया जाना चाहिए। सेफी की मांग बाद। अब सेल प्रबंधन ने सभी यूनिटों के कार्मिकों को हायर पेंशन के लिए कोर्ट में जाने की अनुमति दे दी है। सेफी के मांग के अनुरूप सेल प्रबंधन ने इकाईयों में संचालित पीएफ ट्रस्ट को न्यायालय में जाने को हरी झंडी दे दी है। सेफी चेयरमेन बंछोर ने बताया कि सेल के सभी इकाईयों के पीएफ ट्रस्ट ईपीएस-95 हायर पेंशन के संदर्भ में अपने सदस्यों को न्याय दिलाने जल्द न्यायालय के माध्यम से कानूनी प्रक्रिया प्रारंभ करेंगे।

आप की राय

[yop_poll id="1"]

Latest news
Related news