दुर्ग : न्यूज़ 36 : मानसिक रूप से दिव्यांग बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने वाले आरोपी को कोर्ट ने सजा दी है। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफटीसी श्रीमती संगीता नवीन तिवारी की कोर्ट ने आरोपी राहगीर अली को धारा 377 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 323 के तहत 1 वर्ष सश्रम कारावास तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास व 5000 रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कसार ने पैरवी की थी।
आरोपी राहगीर अली थाना जामुल निवासी है। उसके ही पड़ोस में मानसिक रूप से दिव्यांग 14 वर्षीय बालक रहता था। 22 मई 2022 की सुबह बालक की मां काम पर चली गई थी। मौके का फायदा उठाकर आरोपी ने बच्चों के साथ अश्लील हरकत करते हुए अप्राकृतिक कृत्य को अंजाम दिया। संतोष कसार ने बताया कि दूसरे दिन जब बालक की मां अपने बच्चे को नहलाने के लिए ले गई तब उसे इस बात की जानकारी हुई थी। किसी तरह दिव्यांग बालक ने अपनी मां से बताया कि उसके साथ राहगीर अली ने गलत काम किया है।यह कहकर बालक रोने लगा। इस पर बच्चे की मां ने थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी।
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