Twin Towers Demolition : उत्तर प्रदेश के नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावरों को गिरा दिया गया है। 100 मीटर से ज्यादा ऊंचाई वाले दोनों टावर को गिरने में सिर्फ 12 सेकेंड का वक्त लगा। ब्लास्ट से पहले करीब 7 हजार लोगों को एक्सप्लोजन जोन से हटाया गया। वहीं सुपरटेक ट्विन टावरों को गिराने के बाद आस-पास के क्षेत्र में धूल के बादल छा गए। साथ ही इमारतें दिखनी ही बंद हो गईं।
बता दें कि ट्विन टावर को गिराने के लिए विस्फोट की जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया, उसकी खासियत यही रही कि आसपास की किसी इमारत को नुकसान नहीं पहुंचा। घनी आबादी के बीचोंबीच बने दोनों टावर अपनी जगह पर जमींदोज हो गए और केवल धूल का गुबार ही नजदीकी इमारतों तक पहुंचा। ट्विन टावर के पास की दो सोसायटी में ब्लास्ट से पहले रसोई गैस और बिजली सप्लाई बंद कर दी गई थी। नोएडा पुलिस ने एहतियातन ग्रीन कॉरिडोर बनाए थे। एम्बुलेंस भी मौके पर तैनात की गई थीं। एक्सप्लोजन जोन में 560 पुलिस कर्मी, रिजर्व फोर्स के 100 लोग और 4 क्विक रिस्पांस टीम समेत NDRF टीम भी तैनात की गई। (Twin Towers Demolition)
जानकारी के लिए बता दें कि 2004 में नोएडा अथॉरिटी ने सुपरटेक को हाउसिंग सोसाइटी बनाने के लिए प्लॉट अलॉट किया था। 2005 में बिल्डिंग प्लान मंजूर हुआ। इसमें 10 मंजिल के 14 टावर बनाने की इजाजत थी। 2006 में सुपरटेक ने प्लान में बदलाव कर 11 मंजिल के 15 टावर बना लिए। नवंबर 2009 में प्लान फिर बदलकर 24 मंजिल के दो टावर शामिल कर लिए गए। मार्च 2012 में 24 मंजिल को बढ़ाकर 40 कर लिया। जब रोक लगी तब तक इनमें 633 फ्लैट बुक हो चुके थे। टावर से सटी एमरेल्ड गोल्ड सोसाइटी के रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन प्रेसिडेंट उदयभान सिंह तेवतिया ट्विन टावर का मामला कोर्ट में ले गए थे। उन्होंने 2012 में अवैध निर्माण के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। (Twin Towers Demolition)