विराट कोहली ने भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट में लंबे वक्त से सेंचुरी ना लगाई हो. लेकिन, सिर्फ शतक ना ठोक पाना ही किसी की श्रेष्ठता का पैमाना नहीं हो सकता. इसके लिए आपको उस खिलाड़ी के हर आंकड़े को करीब से देखना होगा. उसे उसके समकक्ष बल्लेबाजों के साथ तौलना होगा. और, जब आप ऐसा करेंगे तो इल्म होगा कि विराट कोहली के बराबर कोई नहीं. दुनिया में इस वक्त 44 खिलाड़ियों ने तीनों फॉर्मेट में 1000 से ज्यादा रन किए हैं, उनमें विराट इकलौते हैं, जिनका औसत सभी फॉर्मेट में 45 से अधिक है.
बात जब सिर्फ T20I की होती है तो मुझे लगता है कि विराट और अधिक आगे खड़े दिखते हैं. पुरुषों के T20I में वो सबसे ज्यादा 6 बार प्लेयर ऑफ द सीरीज जीतने वाले खिलाड़ी हैं.
विराट कोहली को रनचेज का मास्टर कहा जाता है. और, ये बात T20I में उनके बैटिंग औसत में भी झलकती है, जहां वो दूसरे बल्लेबाजों से कोसो आगे खड़े हैं. विराट का औसत जहां 76 का है वहीं दूसरे स्थान पर बैठे बल्लेबाज का औसत 48 से थोड़ा ऊपर ही है. जबकि T20I में रनचेज के दौरान बेहतरीन औसत के मामले में एमएस धोनी तीसरे नंबर पर हैं. बता दें कि बल्लेबाजी औसत का ये आंकड़ा कम से कम 500 रन बना चुके बल्लेबाजों के बीच का है.
अब सवाल है कि T20I में रनचेज करते हुए जीत में कैसा रहा औसत? तो विराट कोहली यहां तो और धाकड़ बल्लेबाज बन जाते हैं. इस दौरान विराट कोहली का औसत 76 से बढ़कर 100 के करीब यानी 97.46 तक पहुंच जाता है. वहीं, इस मामले में दूसरे नंबर पर इंग्लैंड के जोस बटलर हैं, जिनका औसत 78.33 का है, जबकि इंग्लैंड के ही एलेक्स हेल्स 67.22 की औसत के साथ तीसरे नंबर पर हैं. बल्लेबाजी औसत का ये आंकड़ा कम से कम 500 रन बना चुके बल्लेबाजों के बीच का है.
इस साल अक्टूबर-नवंबर में टी20 वर्ल्ड कप खेला जाना है, जहां विराट कोहली बड़ा रोल प्ले कर सकते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वो T20 वर्ल्ड कप की पिच पर बॉस हैं. यहां उन्होंने 76.81 की औसत से रन बनाए हैं, जो कि कम से कम 10 या उससे अधिक पारियां खेल चुके बल्लेबाजों के बीच विराट कोहली का औसत सबसे ज्यादा है. इस मामले में दूसरे नंबर पर 54.62 की औसत के साथ माइक हसी हैं.
विराट कोहली के नाम T20 वर्ल्ड कप के एक एडिशन में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड भी है. ये काम उन्होंने 2014 टी20 वर्ल्ड कप में 319 रन बनाते हुए किया था.
भारत को टी20 वर्ल्ड कप जीता पाने में विराट कोहली भले ही अब तक असफल रहे हों, लेकिन उनके प्रयास में कोई कमी नहीं दिखी. क्योंकि अगर ऐसा होता तो वो दो बार प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट नहीं बनते. विराट साल 2014 और 2016 के टी20 विश्व कप में ये तमगा जीत चुके हैं.