दुर्ग : राज्य में कांग्रेस की सरकार के दौरान जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग में ताल पत्री रंग एवं सुतली खरीदी में अनियमित के मामले की चर्चा थी, लेकिन इस मामले को संज्ञान में ही नहीं लिया गया। प्रदेश में सरकार बदलने के बाद इस मामले की शिकायत पंजीयक सहकारी संस्थाएं से की गई है । प्रकरण में बैंक के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपेक्षा व्यास अपने रिश्तेदार को फायदा पहुंचाने सरकारी समितियां को आर्थिक क्षति पहुंचा जाने का आरोप लगाया है। इस मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है ।पंचशील नगर दुर्ग निवासी डोमार सिंह चंद्राकर ने इस मामले की शिकायत की है। शिकायतकर्ता ने यह आरोप लगाया है, कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग की तत्कालीन सीईओ अपेक्षा व्यास द्वारा धान और उपार्जन वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के दौरान अपने नजदीकी रिश्तेदार मनीष शर्मा रायपुर के माध्यम से बैंक के कार्यक्षेत्र के राजस्व जिले दुर्ग बालोद एवं बेमेतरा की प्राथमिक कृषि साख सरकारी समितियां के धान उपार्जन केदो में बिना किसी निविदा के ताल पत्री रंग एवं सुतली की आपूर्ति समितियां को आवश्यकता से अधिक कराई गई। भुगतान हेतु संबंधित प्राथमिक कृषि साख सरकारी समितियां के बचत खाते में धनराशि नहीं होने की स्थिति में अल्पकालीन वसूली की धनराशि को समितियां के बचत खाते में समायोजित कर भुगतान कराया गया। जिससे बैंक ऋण एवं सदस्य ऋण में संतुलन की स्थिति निर्मित हुई और सरकारी समितियां को लगभग 100 करोड़ का अतिरिक्त भार होने से निरंतर ब्याज की हानि प्रतिवर्ष हो रही है। शिकायतकर्ता ने तत्कालीन सीईओ के खिलाफ जांच कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।