पूरी दुनिया के लोगों के लिए रहमत बनकर आए नबी, उनकी राह पर चल कर ही आएगा अमन
भिलाई : न्यूज़ 36 : पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के 1500 जन्मदिन पर 5 सितंबर को शहर में कई आयोजन होने जा रहे हैं। हजरत मुहम्मद की आमद के 1500 साल होने पर हर तरफ खुशियों का माहौल है। जश्ने ईद मिलादुन्नबी की तैयारी में जुटे लोग मानते हैं कि दुनिया में अमन कायम करना है तो पैगम्बर हजरत मुहम्मद के बताए रास्ते पर अमल करना सबसे बड़ी पहल है। हजरत मुहम्मद ने जिंदगी जीने का जो तरीका बताया है, वह समूची मानवता के लिए किसी तोहफे से कम नहीं है। जरूरत इस बात की है कि हम इस पर अमल कर अपनी और समाज की जिंदगी को भी सुधारें।
नबियों के सरदार की पाकीजा जिंदगी हम सबके लिए सबक:असलम
इस्लामिक मामलों के जानकार ओर छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री व प्रदेश प्रवक्ता सैय्यद असलम कहते हैं- नबियों के सरदार हजरत मुहम्मद की आमद का मक़सद दुनिया से जुल्म और सितम को खत्म कर एकेश्वरवाद (एक खुदा की) इबादत के जरिए पाकीजा जिंदगी की ओर लोगों को मोड़ना था। हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहि वसल्लम ने भूखों को खाना खिलाने, बेसहारों को मदद करने, राहगीरों के लिए मुसाफ़िर खाना बनाने ओर प्यासों के पानी का इंतजाम करने वाली बुनियादी जरूरतों को पूरा करने लोगों को खूब हिदायत दी।पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने जिंदगी की शुरुआत से आखिरी वक्त यानि मौत के पहले तक दुनिया में रहने का माकूल तरीका इंसानियत को समझाया। मां बाप की खिदमत और उस्ताद का हक पड़ोसी के हक रिश्तेदारों के हुक़ूक़ सिखाया और अदा कैसे करें, इसका भी तरीका बताया। इन पर अमल कर हम अपनी जिंदगी को आसान बना सकते हैं।
इंसानियत के लिए रहमत है पैगम्बर मुहम्मद का दुनिया में आना : मुफ्ती सोहेल
काज़ी ए शहर भिलाई-दुर्ग मुफ्ती मुहम्मद सोहेल कासमी कहते हैं कि पैगम्बर मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का दुनिया में आना इंसानियत के लिए रहमत है,और बेहतरीन जिंदगी गुजारने का तरीका ए तालीम के साथ बुराईयों को खत्म करके दुनिया में ज़हालत (अशिक्षा) को मिटाना ओर व्यवस्थित समाज के स्वरूप को खड़ा करके दुनिया में अल्लाह के पैगाम को पहुंचना है। लिहाजा हर उम्मती का फर्ज है कि पैगम्बर हजरत मुहम्मद के दिखाए रास्ते पर चलते हुए खालिके कायनात को राजी करें। प्यारे नबी की जिंदगी अपनाने के साथ अपनी जिंदगी बिताए और सादगी को अपनाने के साथ अमन और खुशहाली को क़ायम करें। हमारी जिंदगी का मकसद होना चाहिए, अल्लाह को राज़ी करना उसकी बंदगी करना। क्योंकि उसका कोई शरीक नहीं वो अकेला है और उसने हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम को अपना रसूल बनाकर भेजा है।
इंसानियत जिंदा होती है नबी की जिंदगी पर अमल से:हाजी सिद्दीकी
प्रख्यात आर्किटेक्ट और हाउसिंग बोर्ड निवासी हाजी एमएच सिद्दीकी कहते हैं कि पैगम्बर हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि व सल्लम ने साफ सुथरी पाकीजा जिंदगी की रहनुमाई की है और ऐसा सामाजिक माहौल तैयार किया जिससे इंसानियत जिंदा होती है । पैगम्बर हजरत मुहम्मद से सच्ची मोहब्बत उनके बताए तरीका ए तालीम को अपनी जिंदगी में उतरकर उस पर अमल करना है। इस्लाम के मायने सलामती और अमन से है। पूरी दुनिया में अमन व सलामती कायम रहे, इसके लिए हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने उम्मत को हिदायत की। अल्लाह ने कमोबेश सवा लाख से ज्यादा अपने रसूल और नबी इस दुनिया में भेजे। इनमें आखिर नबी सरदारूल अम्बिया की उम्मत में पैदा होना हम सबके लिए बड़ी किस्मत की बात है।
नबी पूरी दुनिया के लिए रहबर बन कर आए : नदीम
पेस्ट कंट्रोल के पेशे से जुड़े दुर्ग निवासी मजहर नदीम कहते हैं- हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम पूरे दुनिया ए इंसानियत के लिए रहबर बनकर आए। उन्होंने दुनिया के तमाम लोगों के लिए अमन और सलामती की राह को मजबूत करने के साथ सच्चाई पर चलने हिदायत दी। साथ ही यह बताया कि आपका पड़ोसी हमेशा आपके अच्छे अखलाक और तालुकात के साथ अमन हिफाज़त मे रहे, मजदूर का पसीना सूखने से पहले उसकी मजदूरी अदा कर दी जाए, बेटियों को आप जिंदगी दो और उन्हें तालीम से भी आरास्ता करो,रास्ते में पड़े हर कांटे को रास्ते से हटा दो, कोई भूखा न सोए,जिससे किसी को तकलीफ ना हो। पैगम्बर हजरत मुहम्मद की यह तमाम तालीम आज भी किसी किसी एक कौम के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए है।
नबी की आमद से जहालत मिटी दुनिया से : कहकशां
जोन 3 खुर्सीपार निवासी गृहिणी कहकशां कुरैशी कहती हैं कि प्यारे नबी हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहि वसल्लम की आमद से दुनिया में जहलत खत्म हुई खुशहाली अमन और गुलामी से आजादी मिली। हम सबकी खुशकिस्मती है कि अल्लाह के लाडले हबीब की उम्मत में हमारी आंखें खुली है। महिलाओं के अधिकार को प्यारे नबी ने 1500 साल पहले दिलाना शुरू किया अरब में लड़की पैदा होना बुरा समझा जाता था लड़कियों को जिंदा दफन कर देना आम था उस दौर में उन्होंने ने तालीम देकर और अल्लाह का नाराजगी की खबर देकर समाज में लड़कियों को इज्जत दिलाई। बेवा और यतीम की खैरख्वाह बनने हिदायत दी। जिससे दुनिया में बेहतरीन समाज बना। पैगम्बरे इस्लाम ने हिदायत की कि भाई-बहन, मियां-बीवी, दोस्त-अहबाब, पड़ोसी और रिश्ते-नाते वाले सभी के अधिकार और हक़ को पूरा करें ,उस अल्लाह को राज़ी करें ,और उस के अजाब से डरें ,क्योंकि वो एक दिन हिसाब लेगा जहां कोई दलील काम नहीं आएगी जो किया है उसका अंजाम मिलेगा।
नौजवान पढ़ें पैगम्बर की जीवनी : अकरम
पेशे से साफ्टवेयर इंजीनियर सैयद अब्दुल अकरम कहते हैं-हमारे लिए हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम की उम्मत में पैदा होना ही सबसे बड़ी खुशकिस्मती की बात है। नौजवानों को पैगम्बर हजरत मुहम्मद की जीवनी पढ़कर उस पर अमल करना होना चाहिए। अल्लाह के नबी सभी के लिए नबी बनाकर भेजें गए हैं उन्होंने अल्लाह तक पहुंचने ओर पाने का सीधा रास्ता बताया क्योंकि अल्लाह ने आपके ऊपर कुरान जैसी मुक़द्दस किताब उतारी। उन्होंने हजरत आदम से लेकर के हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम के बताए हुए रास्ते को दीन ए इस्लाम बना कर दुनिया के सामने पेश किया। यही एकेश्वरवाद यानी एक ईश्वर की इबादत का दीन है।