दुर्ग : वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रामगोपाल गर्ग दुर्ग के निर्देशानुसार एवं अभिषेक झा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) डॉ. अनुराग झा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राइम )के मार्गदर्शन में अपराध विवेचना में नई तकनीक के इस्तेमाल के रूप में घटित अपराध में फिंगरप्रिंट की महत्ता, फिंगरप्रिंट पहचान से विवेचना अधिकारी को किसी भी अपराध ने वांछित अपराधी के रिकॉर्ड के पड़ताल करने एवं पहचान के उद्देश्य हेतु आज दिनांक 30 12. 23. को रक्षित केंद्र दुर्ग में स्थित सभागार में एकदिवसीय फिंगरप्रिंट प्रशिक्षण (कार्यशाला ) का आयोजन किया गया। जिसमें राकेश नरवरे, रेंज फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट, रायपुर दुर्ग संभाग द्वारा जिले में कार्यरत कोर्ट मोहर्रिर एवं थाना में पदस्थ एम.ओ.बी. /कोलेटर आरक्षकों को घटित अपराध में घटना स्थल की बारीकी एवं घटनास्थल में पाए जाने वाले अंगुल को लेने के सही तरीके एवं रखरखाव के तरीकों को बारीकी से समझाया गया। एवं नई तकनीक के रूप में विकसित “NAFIS”( नेशनल ऑटोमेटेड फिंगर प्रिंट आईडेंटिफिकेशन सिस्टम) के द्वारा समस्त राज्यों में कनेक्टिविटी के द्वारा अपराधियों के पहचान एवं उनके विरुद्ध की जाने कार्यवाहियों के बारे में विस्तृत परीक्षण दिया गया।
जिसमें रक्षित निरीक्षक दुर्ग, नीलकंठ वर्मा, निरीक्षक नवी मोनिका पांडे एवं जिले में कार्यरत कोर्ट मोहर्रिर एवं थानों में पदस्थ एम . ओ. बी./ कोलेटर आरक्षित सहित कुल 70 प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए ।