राज्योत्सव में अवसर नहीं दिए जाने पर जताया रोष, आरटीआई को बताई वजह
भिलाई : न्यूज़ 36 : छत्तीसगढ़ी फिल्मों के गीतकार,संगीतकार,अभिनेता और राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कबीर भजन गायक नवलदास मानिकपुरी एवं वरिष्ठ लोक गायिका श्रीमती अनुसुईया मानिकपुरी ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस राज्योत्सव समारोह में अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए अवसर नही दिये जाने पर रोष जताया है।
पांच दशक से भी अधिक समय से संगीत कला की साधना व छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति का प्रचार प्रसार व समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान देते आ रहे मानिकपुरी दंपति ने कहा है कि लगातार उपेक्षा से उन्हें पीड़ा महसूस हो रही है। खुर्सीपार भिलाई निवासी मानिकपुरी दंपति ने कहा कि देश भर में उनकी कला प्रतिभा को आम जन मानस के बीच मिलने वाला सम्मान सर्व विदित है। छॉलीबुड और बॉलीवुड के नामचीन गायक गायिकाओं को अपनी खुद उनकी की गीत रचना को स्वयं संगीत बद्ध कर गवाने एवं आडियो-वीडियो फिल्मों में अब तक दो हजार से भी अधिक गीत गाने के बावजूद शासन द्वारा अनदेखी की जा रही है।
नवलदास मानिकपुरी ने जारी बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के राज्य स्थापना दिवस राज्योत्सव समारोह में बड़ी ही उम्मीद के साथ कबीर भजन गायन व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने अवसर देने मुख्यमंत्री व संस्कृति विभाग के संचालक को आवेदन सौंप कर निवेदन किया था लेकिन कार्यक्रम प्रस्तुत करने का अवसर नही दिया गया।
उन्होंने कहा कि करीब छह साल पहले छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग में छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों को कार्यक्रम प्रस्तुति के लिए अवसर देने के नाम से अनियमितता का खुलासा करने उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम का सहारा लिया था। लेकिन संबंधित अधिकारियों द्वारा गलत जानकारी दिए जाने के कारण आपत्ति की गई। जिसके बाद सूचना आयोग की तरफ से संस्कृति विभाग के उन अधिकारियों के उपर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया था। नवल दास मानिकपुरी ने आशंका जताई है कि इस प्रकरण की वजह से संभव है कि उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने मांग की है कि उनके योगदान को देखते हुए उन्हें भी आयोजनों में प्रस्तुति का अवसर दिया जाए।