महिला पंथी को स्थापित करने में स्व. अमृता का योगदान अतुलनीय:कोर्सेवाड़ा
भिलाई : न्यूज़ 36 : पुरखा के सुरता जन कल्याण समिति की ओर से 70 के दशक की ख्याति प्राप्त महिला पंथी कलाकार एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिनीमाता सम्मान प्राप्त अमृता बारले की द्वितीय पुण्यतिथि पर राज्य स्तरीय सांस्कृतिक एवं सम्मान समारोह ग्राम मोरिद भिलाई तीन में आयोजित किया गया।
इस दौरान अतिथियों ने पंथी के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को मुखरता प्रदान करने वाली स्व. अमृता बारले के योगदान का स्मरण किया और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। मुख्य अतिथि अहिवारा विधायक राजमहंत डोमन लाल कोर्सेवाडा और विशिष्ट अतिथि दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर सहित तमाम अतिथियों ने शुरुआत में गुरु बाबा घासीदास की आराधना के बाद स्व. अमृता बारले के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी। अतिथियों का स्वागत करते हुए संयोजक पद्मश्री डॉ. राधेश्याम बारले ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि उनकी बहन स्व. अमृता बारले ने विपरीत परिस्थितियों में महिला पंथी की शुरुआत की और जीवन भर पंथी के प्रति समर्पित रही। अहिवारा विधायक राजमहंत डोमलाल कोर्सेवाड़ा ने स्व. अमृता बारले के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि सतनामी समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए महिला पंथी को स्थापित करने में उनका योगदान हमेशा रेखांकित होता रहेगा। दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने कहा कि स्व. अमृता बारले छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण की मिसाल थीं और महिला पंथी कलाकार के तौर पर हमेशा याद की जाती रहेंगी।
हरिकीर्तन से शुरुआत, पंथी ने जमाया रंग, तुषांत को मिली सराहना
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की शुरूआत प्रदेश के ख्याति प्राप्त हरिकीर्तन कर पंडित कामता प्रसाद शरण कुडेरादादर, छुरा गरियाबंद के हरिकीर्तन से हुई। इसके उपरांत महिला पंथी दल माता सफुरा महिला पंथी दल नेवई का पंथी नृत्य, लक्ष्मीकांत जडेजा भटगांव जिला मुंगेली, मांदरी नृत्य गढ़िया बाबा आदिवासी मांदरी नृत्य सरईटोला नगरी , भरथरी हिमानी वासनिक राजनादगांव , महिला पंथी सत्संग महिला पंथी नृत्य दल खुर्सीपार भिलाई, भरथरी कल्याणी बारले आशीष नगर रिसाली सुवा नृत्य सुवा सखी सहेली नेवई , गेड़ी नृत्य,आदिवासी गेड़ीनृत्य गुन्ड़पारा सिहावा, पारम्परिक पुरुष पंथी अश्वन डहरिया,सहदेव बंजारे, बिरेंद्र टन्डन,जोगांश चेलक, सतानंद बंजारे व शैलेन्द्र धृतलहरे द्वारा पंथी नृत्य प्रस्तुत किया गया। वहीं अंतरराष्ट्रीय मांदर वादक गौकरण दास बघेल के नेतृत्व में 50 मादर वादकों का एक साथ जुगलबन्दी की अनूठी प्रस्तुति दी। वहीं ख्याति प्राप्त लोक गायक तुषान्त बारले ने अपने समूह के साथ रंगारंग प्रस्तुति दी।
अमृता बारले सम्मान सरोज, प्रियंका और हिमानी को
कार्यक्रम में सरोज बाला पाहित भिलाई व प्रियंका जांगड़े बालिका पंथी दल कोडेवा जिला बालोद को महिला पंथी नृत्य को बढ़ावा देने और भरथरी गायन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए हिमानी वासनिक को अमृता बारले स्मृति सम्मान प्रदान गया। इनके अलाव प्रदेश के वरिष्ठ 25 पंथी कलाकारों को पंथी शिखर सम्मान , राज्य के 12 जिले के जूनियर 35 कलाकारों को पंथी कला रत्न सम्मान , 3 उत्कृष्ट महिला कलाकारों को नारी शक्ति सम्मान और 7 विशिष्ट व्यक्तियों को ग्राम गौरव सम्मान प्रदान किया गया। इनके साथ प्रदेश के 15 ख्याति प्राप्त लोक गायक ,गायिकाओ को छत्तीसगढ़ भुइय्या सम्मान प्रदान किया गया। इनमें कविता वासनिक, छाया चन्द्राकर, हिरेश सिन्हा , जितेश्वरी सिन्हा , चम्पा निषाद ,छालीवुड कलाकार उर्वशी साहू , उपासना वैष्णव रायपुर, तारा कुलकर्णी पचेड़ा , चंद्रिका मोरिया बालोद , विनीता सन्तोष ढीमर, पुष्पा शंकर साहू , तुषान्त बारले , पायल साहू और खुमेश मानिकपुरी शामिल है।
वैचारिक सत्र में हुई महिला पंथी पर बात
आयोजन के वैचारिक सत्र में ‘‘महिला पंथी नृत्य में अमृता बारले का योगदान” विषय पर प्रमुख वक्ता भरत लाल कुर्रे ने अपने विचार रखे। वहीं ‘‘महिला पंथी नृत्य का महिला सशक्तिकरण पर प्रभाव” विषय पर भूपेंद्र चाणक्य तवेरा बालोद ने अपना वक्तव्य दिया।
अतिथियों ने किया कलाकारों को सम्मानित, दी अमृता को श्रद्धांजलि
दिन भर चले आयोजन में कई प्रमुख अतिथियों का आगमन हुआ। अतिथियों ने महिला पंथी की पुरोधा स्व. अमृता बारले को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान का विशेष रूप से उल्लेख किया।इनमें केश शिल्प कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष मोना सेन रायपुर ,इंद्रजीत (छोटू) समाज सेवी, ओजस्वी मंडावी , सदस्य छत्तीसगढ़ महिला आयोग ,दन्तेवाड़ा, डॉ चुरामन सिंह साहू वरिष्ठ कवि बेरला , वरिष्ठ समाज सेवी होरी राम डड़सेना खरसिया रायगढ़, सुनील ठाकुर पूर्व सदस्य कर्मकार बोर्ड , डॉ रोहित मिरी एसोसिएट प्रोफेसर सीएसवीटीयू भिलाई , गीता बंजारे राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित रिसाली, वाय अप्पल नायडू समाज सेवी भिलाई , शैलेंद्र शैली जिला भाजपा मंत्री दुर्ग और राजू लाल नेताम ने प्रमुख कलाकारों को सम्मानित भी किया।
इनकी भी उपस्थिति रही
आयोजन को सफल बनाने में कई प्रमुख लोगों का विशिष्ट योगदान रहा। इनमें वीरेंद्र टण्डन , सहदेव बंजारे,अश्विन डहरिया,कल्याणी बारले, राजेन्द्र टण्डन, भोज बंजारे,शैल बघेल, रोहित कोसरिया भोजराज बारले,परमेश्वर नाग, पुष्पा साहू, चम्पा निषाद, लक्ष्मी कांत जडेजा,दिनेश जांगड़े, गौकरन दास बघेल, जोहन लाल कोठारी, खेमचंद भारती, तारन कोसरे, उदय कोसरे, भूपेंद्र चाणक्य, सीडी बघेल, जोगांश चेलक, सतानंद बंजारे, एल एल बारले, कृष्ण कुमार वर्मा, ममता सिन्हा, पार्षद सतीश साहू, राधेश्याम वर्मा, तुलसी ध्रुव पार्षद डबरापारा, प्रद्युम्न धृतलहरे,रामप्रसाद मिर्चे और मनोज पाटिल सहित बड़ी संख्या में पंथी कलाकार ,साहित्यकार ,समाज सेवी तथा ग्रामीण जन उपस्थित थे।