भिलाई : दुर्ग न्यायालय ने पुरी आईटीआई कोहका भिलाई के संचालक आरोपी सतीश पूरी को धोखाधड़ी के मामले में 2 साल की कैद व अर्थ दंड की सजा सुनाई। आरोपी को धारा 420 भारतीय दंड संहिता के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग जनार्दन खरे की अदालत ने यह सजा दी है। फैसले में 2 वर्ष की सजा एवं दस हजार व अर्थदंड से दंडित भी किया है। अर्थदंड की राशि न अदा करने पर 4 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। मामले की जानकारी के अनुसार जुलाई 2008 में पुरी आईटीआई का संचालक एवं प्राचार्य सतीश पुरी ने छात्रों को इलेक्ट्रीशियन ट्रेड में महानिदेशालय रोजगार एवं प्रशिक्षण संस्थान नई दिल्ली द्वारा मान्यता प्राप्त न होते हुए भी एडमिशन और फीस ले लिया था। आरोपी ने लगभग 96 छात्रों से छल कर फिटर और इलेक्ट्रिशियन की परीक्षा में विद्यार्थियों को नहीं बैठाया। इस तरह छात्रों के साथ छल करने के आशय से बेमानी पूर्वक कार्य करते हुए फीस लिया था। अपने बचाव के लिए विभिन्न तरह के षड्यंत्र और प्रपंचों का वह सतीश पुरी जाल बिछाते रहा। अभियोजन के द्वारा अपना प्रकरण संदेह से परे साबित किए जाने में सफल रहने से आरोपी को धारा 420 भारतीय दंड संहिता के आरोप में सिद्ध दोष पाते हुए दोषी पाया गया।