प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाएंगे माता कौशल्या की जन्मभूमि ‘कोसला’ का महत्व : बघेल
भिलाई : न्यूज़ 36 : साहित्य, कला, संस्कृति की बहुआयामी संस्था ‘चिन्हारी’के रजत जयंती वर्ष पर रविवार को आयोजित समारोह माता कौशल्या की जन्मभूमि ‘कोसला‘ के महत्व पर केंद्रित रहा। बिलासपुर जिले में मल्हार के पास स्थित ‘कोसला‘ से भिलाई पहुंचे 200 से ज्यादा निवासियों और अंचल के बुद्धिजीवी वर्ग के बीच मुख्य अतिथि सांसद विजय बघेल ने घोषणा की कि माता कौशल्या की जन्मभूमि के रूप में ‘कोसला‘ गांव को महत्व दिलाने हर संभव प्रयास करेंगे। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस समूचे ‘कोसला‘ गांव क्षेत्र का विकास केंद्र सरकार की ‘प्रसादम‘ योजना के अंतर्गत करवाने निवेदन करेंगे।
आई.सी.ए.आई. भवन अपेक्स बैंक के बाजू सिविक सेंटर में हुए इस आयोजन में शुरूआत में सभी अतिथियों का सम्मान गुलदस्ता धान की झालर के साथ किया गया। कार्यक्रम शुरू होने से पहले रामचरितमानस की चौपाइयां प्रस्तुत की गई। अपने स्वागत उद्बोधन में संयोजक और बहुआयामी संस्था चिन्हारी के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद पारकर ने राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में एमए छत्तीसगढ़ी पाठ्यक्रम शुरू करवाए जाने के प्रयासों का विशेष रूप से उल्लेख किया।
उन्होंने मात कौशल्या की जन्मभूमि का उल्लेख करते हुए कहा कि यह हम सब का गौरव है कि हमारे छत्तीसगढ़ के ‘कोसला‘ गांव की मान्यता जनश्रुतियों से लेकर ऐतिहासिक दस्तावेजों तक में माता कौशल्या की जन्मभूमि को लेकर है। उन्होंने कोसला गांव से आए लोगों का विशेष रूप से सम्मान करते हुए कहा कि आज इस तथ्य को देश और दुनिया के सामने लाने की जरूरत है।
आयोजन में हाल ही में ब्राजील में संपन्न ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने पर दुर्ग सांसद विजय बघेल को चिन्हारी सम्मान-2025 से विभूषित किया गया और कार्यक्रम के संयोजक ‘चिन्हारी’ साहित्य समिति के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद पारकर के संपादन में प्रकाशित पुस्तक ‘माता कौसल्या जन्मभूमि कोसला‘ का विमोचन समस्त अतिथियों ने किया। सांसद विजय बघेल ने इस दौरान सम्मान के लिए आयोजकों का आभार जताते हुए कहा कि माता कौसल्या का अटूट संबंध दक्षिण कोसल एवं उत्तर कोसल दोनों से रहा है। उन्होंने कहा कि जिस मां ने भगवान राम को जन्म दिया उनके जन्म स्थान का महत्व भी दुनिया को पता चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह छत्तीसगढ़ के समस्त सांसदों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और उन्हें तमाम तथ्यों से अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि तीर्थ स्थलों के विकास और पहचान के लिए केंद्र सरकार की ‘प्रसादम’ योजना में ‘कोसला’ गांव का विकास कराने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करेंगे। विशिष्ट अतिथि दुर्ग महापौर अल्का बाघमार ने कहा कि माता कौशल्या का भव्य मंदिर उनकी जन्मभूमि ‘कोसला‘ गांव में जरूर बनना चाहिए। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम महाविद्यालय बिलासपुर हिन्दी विभाग डॉ. राजकुमार सचदेव और विभागाध्यक्ष राजनीति शास्त्र प्रो. ब्रजकिशोर त्रिपाठी ने भी अपनी बात रखी।
पढ़े गए शोधपत्र,ऐतिहासिक तथ्यों से कराया रूबरू
आयोजन में श्रीराम की माता कौशल्या की जन्मभूमि कोसला पर अकादमिक शोधपत्र पढ़े गए। इनमें पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर हिन्दी अध्ययन मंडल के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजेश श्रीवास का वक्तव्य ‘लोक जीवन में कौशल्या’ विषय पर, भारती विश्वविद्यालय दुर्ग की छत्तीसगढ़ी-हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. विद्यावती चन्द्राकर का वक्तव्य ‘माता कौशल्या की जन्मभूमि कोसला की पौराणिक मान्यताएं’ विषय पर और शिवरीनारायण के इतिहासकार डॉ. शांति कुमार कैवर्त का वक्तव्य ‘कोसला का ऐतिहासिक सत्यान्वेषण’ विषय पर हुआ।
सम्मान निधि, नारियल और वस्त्र भेंट कर किया अतिथियों का सम्मान
आयोजन में अनुरोध पत्र का वचन मेनका वर्मा ने किया। वहीं चिन्हारी सम्मान से विभूषित सांसद विजय बघेल के सम्मान पत्र का वचन डॉक्टर सोनाली चक्रवर्ती ने किया और जीवन परिचय का वचन कालेश्वर प्रसाद निषाद ने किया। इस अवसर पर समस्त अतिथियों को सम्मान निधि, नारियल और वस्त्र भेंट कर चिन्हारी परिवार की ओर से सम्मानित किया गया। अतिथियों का स्वागत मुख्य रूप से डुमन लाल ध्रुव, मनीष यादव, कुलेश्वर प्रसाद निषाद, शैलेंद्र शिंदे, केतन पारकर, ध्रुपद निषाद, रिखी क्षत्रिय, पवन निषाद, गमलियाल ग्राहम, भारत राणा, महेंद्र भक्ता, हर्ष देवांगन, बद्री कैवर्त, डीपी देशमुख, मुकुंद पारकर, शैलेंद्र पारकर और पारस कैवर्त्त सहित अन्य लोगों ने किया। मंच संचालन डॉक्टर गणेश कौशिक ने किया और आभार प्रदर्शन डुमनलाल ध्रुव धमतरी में व्यक्त किया।