दुर्ग : दुर्ग शहर विधानसभा क्षेत्र और दुर्ग नगर पालिक निगम दोनों समक्ष होने के कारण शहर की जनता अपने नए विधायक से काफी उम्मीद कर रही है। इंदिरा मार्केट के डिवाइडर हटाने ,बाजार की व्यवस्था दुरुस्त होने, शहर में व्याप्त गंदगी से मुक्ति के लिए अब शहर की जनता अपने नए विधायक की तरफ बड़े आस के साथ देख रही है। परंतु वही अब तक अपने कार्यों में कोई बड़ी उपलब्धि न दिखाते हुए शहर की दुर्दशा के जिम्मेदार बाजार विभाग और स्वास्थ्य विभाग पर जिला प्रशासन द्वारा किसी तरह का कड़ा कदम ना उठाना कई तरह के प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारियां पर भी सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। हाल ही में कुछ महीने पहले देखा गया कि ऐसे ही एक राजनीतिक विवाद के चलते दुर्ग नगर निगम के बाजार विभाग द्वारा 24 घंटे के अंदर ही मारुति एडवरटाइजर्स को नोटिस देकर निलंबित कर दिया गया। मामला कोर्ट तक भी पहुंचा इस मामले में नगर निगम की त्वरित कार्यवाही कहीं ना कहीं इशारा कर रही की अपने कलम को बचाने के लिए दुर्ग का बाजार विभाग असंभव कार्य को भी संभव कर सकता है। जैसा की बाजार विभाग के अंतर्गत आने वाले लाइसेंस शाखा में एक ऐसी संस्था को लाइसेंस अनुज्ञप्ति लाइसेंस दे दिया गया, जिनके पास स्वयं की दुकान ही ना थी, शहर में स्वच्छता श्रृंगार के अंतर्गत आने वाले शौचालय में भेदभाव और मनमर्जी का कार्य जगजाहिर है। वही प्लेसमेंट के जरिए भर्ती संख्या भी विवाद का कारण बनती है । मिली जानकारी के अनुसार कई वार्ड में तीन से चार सुपरवाइजर तो कई वार्ड में एक सुपरवाइजर कार्यरत हैं । ऐसी भी चर्चा है कि अपने लोगों की भर्ती के लिए सभी नियमों को तोड़कर यह कार्य किया जा रहा है। अब देखना यह है कि दुर्ग शहर विधायक गजेंद्र यादव शहर में सुव्यवस्था लाने के लिए किस तरह का कदम उठाते हैं।