रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के खिलाफ कांग्रेस ने गिरीश देवांगन को अपना प्रत्याशी बनाया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाने वाले गिरीश देवांगन राजनांदगांव से चुनाव लड़ेंगे। प्रत्याशी बनते ही गिरीश देवांगन ने एक बयान देते हुए खुद को भगवान राम की तरह बताया है।
गिरीश देवांगन ने कहा कि- जैसे भगवान राम छत्तीसगढ़ के भांचा (भांजे) हैं, वैसे ही राजनांदगांव का भांचा राम मैं हूं.. दशहरा भी करीब है। यह कहकर गिरीश कुछ सेकंड रुके और फिर हंसने लगे। इसके बाद उन्होंने नवरात्र की बधाई देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को उनके जन्मदिन की भी बधाई दी । रविवार को ये बयान गिरीश देवांगन ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दिया।
गिरीश देवांगन ने खुद के प्रत्याशी बनाए जाने पर कहा- राजनांदगांव का चुनाव 15 साल के शोषण के खिलाफ है। डॉ रमन की सरकार ने अंखफोड़वा कांड, गर्भाशय कांड जैसे कांड किए हैं। मैं एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं एक कार्यकर्ता होने के नाते मैंने नगर निगम के चुनाव हों, उपचुनाव हों या वार्डों के चुनाव हों पूरी ताकत के साथ हम साथियों के साथ खड़े रहे हैं।
देवांगन ने आगे कहा- मुझे विश्वास है कि मैंने यदि राजनांदगांव के साथियों के लिए काम किया है तो मुझे पूरा विश्वास है कि वहां के सभी साथी तन मन धन से रात दिन काम करेंगे। गिरीश देवांगन एक नाम हो सकता है, लेकिन सभी साथियों के लिए एक ही सिंबल है पंजा छाप हमारी पहचान है। पंजा छाप के झंडे के नीचे सभी एकजुट होकर काम करेंगे।
रमन सिंह को लेकर गिरीश ने कहा- जहां तक विकास की बातें हैं तो रमन सिंह जो प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वर्षों से मेरा राजनांदगांव आना-जाना रहा है। जो राजनांदगांव पहले दिखता था वही आज भी दिखता है। कोई विकास वहां मुख्यमंत्री रहते हुए डॉ रमन ने नहीं किया, राजनांदगांव में कोई विकास की गति दिखती नहीं है। हम विकास के लिए संघर्ष करेंगे।
गिरीश ने खुद को किसान बताते हुए कहा कि मुझ जैसों को जब सरकार से पैसा मिलता है तो हमारा बजट तय होता है कि क्या खरीदें। राजीव गांधी खेतिहर भूमि मजदूर न्याय योजना लाकर लोगों को पैसा देने का काम कांग्रेस की सरकार ने किया है। देश में इकलौता ऐसा प्रदेश है जहां खेतीहर मजदूर को पैसे दिए जाने की योजना है। मजदूर किसान और अब तक धान खरीदी को मिलाकर कुल 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों को मजदूरों को छत्तीसगढ़ की सरकार ने दिया है।