रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार गठन के एक घंटे के भीतर प्रदेश के किसानों के ऋण माफी की घोषणा की। मुख्यमंत्री की घोषणा से ऐसे कृषक जो सालों से डिफाल्टर हो जाने के कारण ऋण नहीं ले पा रहे थे, उन्हें ऋण की पात्रता मिल गई। प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से 13 लाख 46 हजार 569 किसानों का 5261.43 करोड़ रूपए का ऋण माफ कर उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया।
मुख्यमंत्री की पहल पर सहकारिता के क्षेत्र में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड से इथेनॉल प्लांट की स्थापना, सम्पूर्ण देश में प्रथम उदाहरण है। इसके लिए सभी प्रक्रिया लॉक डाउन अवधि में सम्पादित की गई। प्रदेश के सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा में प्रथम इथेनॉल प्लांट की स्थापना पीपीपी मोड में करने के लिए इन्वेस्टर्स मीट आयोजित कर इच्छुक निवेशकों के पक्ष को चुना गया। इसके बाद आरएफक्यू, आरएफपी की प्रक्रिया पूर्ण कर निवेशक का चयन किया गया। चयनित निवेशक द्वारा 80 किलो लीटर प्रति दिन क्षमता (केएलपीडी) की क्षमता से कारखाना लगाया जा रहा है, जिससे कारखाने को प्रतिवर्ष 9.22 करोड़ रूपए लायसेंस फीस के रूप में प्राप्त होगा।
चयनित संस्था और कारखाने के मध्य 29 दिसम्बर 2022 को अनुबंध निष्पादित किया गया। पीपीपी मॉडल इथेनॉल प्लांट की स्थापना देश में पहला उदाहरण है। इथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व में राज्य बनने के बाद प्रदेश के चारों कारखानों से शक्कर के निर्यात के लिए प्रथम बार कार्रवाई की गई। चारों शक्कर कारखानों से 30.18 करोड़ रूपए की 14 हजार 302 मीट्रिक टन शक्कर का निर्यात भारत सरकार से प्राप्त निर्यात कोटे के अनुसार किया गया। इस निर्यात के फलस्वरूप भारत सरकार से राज्य को 10448 रूपए प्रति मीट्रिक टन की मान से 14.95 करोड़ रूपए की सब्सिडी स्वीकृत हुई।