ऑपरेशन सुरक्षा” के तहत स्कूली एवं ट्रैवलिंग बसों की सघन जांच यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
दुर्ग : न्यूज़ 36 : “ऑपरेशन सुरक्षा अभियान के अंतर्गत जिलेभर में यातायात पुलिस द्वारा एक विशेष जांच अभियान चलाया गया। इस विशेष कार्यवाही में अलग-अलग टीमों का गठन कर स्कूली बसों के साथ साथ टूर एवं ट्रैवलिंग बसों की गहन जांच की गई। अभियान का मुख्य उद्देश्य यात्रियों, व स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना था।
जांच के दौरान सभी बसों में फिटनेस प्रमाणपत्र, वैध परमिट, फायर सेफ्टी उपकरण, फर्स्ट एड बॉक्स, ओवरलोडिंग, आपातकालीन निकास द्वार (Exit Gate)तथा चालक की अनुशासनात्मक स्थिति की सावधानीपूर्वक जांच की गई। ट्रैवलिंग बसों पर विशेष ध्यान देते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि यात्रियों की लंबी दूरी की यात्रा के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है। जिन वाहनों में सुरक्षा मानकों का उल्लंघन पाया गया, उनके विरुद्ध नियमानुसार चालानी कार्यवाही की गई।
कार्यवाही के दौरान कुल 35 बसों पर चालानी कार्यवाही करते हुए ₹90,000/- की राशि का संकलन किया गया। यह कदम उन वाहनों के विरुद्ध उठाया गया जिनमें आवश्यक दस्तावेज, सुरक्षा मानक या अनुमत क्षमता से अधिक सवारी पाई गई।
यह अभियान केवल कानूनी कार्यवाही तक सीमित नहीं था, बल्कि मानवता के दृष्टिकोण से जनसुरक्षा को प्राथमिकता देने का प्रयास भी रहा। “यातायात पुलिस ने बस संचालकों और चालकों को जागरूक करते हुए यह संदेश दिया कि सुरक्षा केवल नियमों का पालन नहीं, बल्कि जीवन के प्रति जिम्मेदारी है।” यातायात पुलिस जिला दुर्ग द्वारा नागरिकों से अपील की गई कि वे हमेशा सुरक्षित और जिम्मेदार यात्रा को प्राथमिकता दें। “वाहन मालिक अपने वाहनों की नियमित फिटनेस जांच कराएं, आवश्यक्त सुरक्षा उपकरण उपलब्ध रखें और ओवरलोडिंग जैसी खतरनाक प्रवृत्तियों से बचें।
ट्रैफिक पुलिस दुर्ग की अपील : “सड़क पर सुरक्षित रहना केवल एक नियम नहीं, बल्कि हर यात्री का अधिकार और हर चालक की जिम्मेदारी है।”
सभी वाहन चालकों व संचालकों से अनुरोध है कि वे “ऑपरेशन सुरक्षा” के उद्देश्य को सफल बनाते हुए सुरक्षित, अनुशासित और जिम्मेदार यातायात संस्कृति में अपना योगदान दें।
