हर भारतीय घर में देसी घी का सेवन अवश्य किया जाता है। रोटी से लेकर दाल, सब्जी पर इसे लगाया जाता है। यह ना केवल आपके खाने को अधिक टेस्टी बनाता है, बल्कि आपकी डाइट में कई तरह के पोषक तत्वों को भी एड करता है।
घी में हेल्दी फैट्स मौजूद होते हैं, जो आपकी सेहत पर सकारात्मक असर डालते हैं। इसके अलावा, इसमें प्रोटीन, विटामिन ए, ई और के आदि भी पाए जाते हैं। जो आपकी सेहत के साथ-साथ स्किन का भी ख्याल रखते हैं। देसी घी को गाय के दूध या भैंस के दूध की मदद से तैयार किया जाता है। यह दोनों ही सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं। लेकिन कभी-कभी लोगों को यह समझ में नहीं आता है कि उन्हें गाय के घी का सेवन करना चाहिए या फिर भैंस के घी का सेवन करें। बता दें कि भैंस के दूध से बनने वाला घी सफेद होता है, जबकि गाय के दूध बना घी पीला होता है। तो चलिए आज इस लेख में सेंट्रल गवर्नमेंट हॉस्पिटल के ईएसआईसी अस्पताल की डाइटीशियन रितु पुरी आपको गाय व भैंस के घी के बीच के अंतर के बारे में बता रही हैं।
भैंस के घी और गाय के घी में मौजूद पोषक तत्व
गाय व भैंस के घी दोनों में कैल्शियम और विटामिन होते हैं। गाय के घी में मिनरल्स, एंटी-ऑक्सीडेंट और प्रोटीन सहित कई पोषक तत्वों की संख्या अधिक होती है। वहीं, भैंस का घी फास्फोरस और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। इसमें कैल्शियम का प्रतिशत गाय के घी की अपेक्षा अधिक होता है।
भैंस के घी और गाय
भैंस के घी में फैट्स की मात्रा अधिक होती है जिसके कारण इनकी शेल्फ लाइफ काफी अधिक होती है। वहीं, गाय के घी की शेल्फ लाइफ अपेक्षाकृत कम होती है।
पाचन के लिए लाभदायक घी
वहीं, अगर पाचन की बात हो तो भैंस के घी की तुलना में गाय का घी पचने में आसान होता है और यह आपके पेट को स्वस्थ रखता है। दरअसल, गाय के दूध में फैट कम होता है। साथ ही, इसमें साल्यूबल एसिड होते हैं, जिसके कारण यह भैंस के घी की तुलना में आसानी से पचने योग्य हो जाता है। वहीं, बच्चों व बूढ़ों के लिए भी गाय के घी को अधिक फायदेमंद माना जाता है।
किसका करें सेवन
गाय के घी व भैंस के घी में से किसी एक को सर्वश्रेष्ठ कहना उचित नहीं है। लेकिन फिर भी गाय के घी को भैंस के घी से बेहतर माना जाता है। यह सभी उम्र के लोगों, विशेषकर बच्चों द्वारा सेवन करने के लिए उपयुक्त है। यह चयापचय और प्रतिरक्षा में सुधार करने में मदद करता है। इसके अलावा, हड्डियों की ताकत बढ़ाने से लेकर हृदय और आंखों की रोशनी के लिए भी इसे अच्छा माना जाता है।