दिल्ली। केंद्र सरकार ने 14 फिक्स डोज कॉम्बिनेशन दवाओं की बिक्री पर रोक (BAIN) लगा दी है। सरकार ने जिन दवाओं पर प्रतिबंध लगाया है उनमें पैरासिटामोल डिस्पर्सिबल टेबलेट, निमेसुलाइड, क्लोरफेनिरामाइन मेलेट भी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इन दवाओं से होने वाले नुकसान का पता नहीं लग पाता है।
मंत्रालय ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन (BAIN) में कहा कि इन दवाओं में सामान्य संक्रमण, खांसी और बुखार के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं शामिल हैं। केंद्र ने यह कदम विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद उठाया है। समिति ने कहा कि इन दवाओं का चिकित्सीय औचित्य नहीं है।
इन दवाइयों पर लगाया प्रतिबंध
निमेसुलाइड + पेरासिटामोल गोलियां
क्लोफेनिरामाइन मैलेट + कोडीन सिरप
फोल्कोडाइन + प्रोमेथाजीन
एमोक्सिसिलिन + ब्रोमहेक्सिन
ब्रोमहेक्सिन + डेक्स्ट्रोमेथोर्फन + अमोनियम क्लोराइड + मेन्थॉल
पेरासिटामोल + जैसे संयोजन ब्रोमहेक्सिन+ फिनाइलफ्राइन + क्लोरफेनिरामाइन + गुआइफेनेसिन और सालबुटामोल + ब्रोमहेक्सिन
क्या होती हैं एफडीसी (FDC) दवाएं ?
एफडीसी का मतलब है फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन. ये दवाएं दो या ज्यादा दवाओं का कॉम्बिनेशन होती हैं. इन्हें ‘कॉकटेल’ दवाएं भी कहा जाता है एफडीसी को लेकर अक्सर यह बातें भी होती रही हैं कि ऐसे कॉन्बिनेशन बनाए जाने चाहिए या नहीं अमेरिका और कई अन्य देशों में एफडीसी दवाओं की प्रचुरता पर रोक है. जितनी ज्यादा एफडीसी दवाएं भारत में बिकती हैं, उतनी शायद ही किसी विकसित देशों में इस्तेमाल होती हों. इन दवाओं के अनुपात और इनसे होने वाले असर पर काफी सवाल उठते रहे हैं.
एफडीसी दवाओं के कांबिनेशन किस तरह हो सकते हैं
हर दवा के ऊपर उसका फार्मेशन यानि जेनेरिक नाम लिखा होता है. इसमें ये साफतौर पर बताया जाता है कि ये दवा किन साल्ट का मिश्रण है. मसलन सैरिडॉन पैरासिटामोल, प्रोफिफेनाजोन और कैफीन का मिश्रण है. इसी तरह के कुछ कांबिनेशन इस तरह हैं- सेफिक्लाइम और एजिथ्रोमाइशिन, एफ्लॉक्सिन, ओनिडोजोल और ऑर्डिडाजोल सस्पेंशन, मेट्रॉनाइडोजोल और नॉरफ्लाक्सिन का मिश्रण. यानि जब भी आप दवा खरीदें तो इसके ऊपर इसके कांबिनेशन जरूर देख लें.