Wednesday, July 30, 2025

पंजीयन अवधि तक बीएसपी मान्य करें कांट्रेक्टर का गेटपास – एसोसिएशन

सेल स्टील प्लांट कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने महाप्रबंधक आईआर से विभिन्न मुद्दों पर की चर्चा, जल्द मिलेंगे निदेशक प्रभारी महापात्रा से 

भिलाई : न्यूज़ 36 : सेल स्टील प्लांट कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष के ए अब्दुल कादर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को भिलाई स्टील प्लांट औद्योगिक संबंध (आईआर) विभाग के महाप्रबंधक ज्योतिंद्रनाथ ठाकुर और महाप्रबंधक विकास चंद्रा के साथ बैठक कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
एसोसिएशन ने मुख्य रूप से ठेकेदारों के गेटपास की अवधि को पंजीयन तक बरकरार रखने, कांट्रेक्ट शेड्यूल रेट (सीएसआर) के आधार पर कार्य देने और प्राइस वेरिएशन क्लॉज (पीवीसी) लागू करने की मांग की। वहीं एसोसिएशन ने एचएससीएल के बजाए पंजीकृत ठेकेदारों से ही बीएसपी में ठेका मजदूरों की आपूर्ति की मांग रखी। विभागीय अधिकारियों ने इन मुद्दों पर सकारात्मक निर्णय लेने का भरोसा दिलाया। एसोसिएशन के अध्यक्ष के. ए. अब्दुल कादर ने बताया कि बैठक में तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई और जल्द ही एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल बीएसपी के निदेशक प्रभारी चित्तरंजन महापात्र से मुलाकात करेगा।
बैठक में एसोसिएशन ने मांग की कि संबंधित कांट्रेक्टर का गेटपास उसकी रजिस्ट्रेशन अवधि 5 साल तक मान्य किया जाना चाहिए। एसोसिएशन ने तर्क दिया कि काम खत्म होने के साथ ही संबंधित कांट्रेक्टर का गेटपास रद्द कर दिया जाता है, जबकि कांट्रेक्टर को इसके बाद भी अंतिम भुगतान करवाने, अपना बचा हुआ सामान निकलवाने और दूसरी अन्य औपचारिकताओं के लिए कई बार संयंत्र आना-जाना होता है। गेटपास रद्द हो जाने से ठेकेदारों को कई व्यवहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। एसोसिएशन का कहना था कि कांट्रेक्टर को जब 5 साल की अवधि का रजिस्ट्रेशन दिया जाता है तो गेटपास भी इतनी ही अवधि का बनाया जाना चाहिए।
बैठक में एसोसिएशन ने मांग की कि रेलवे, सीपीडब्लूडी और बीएसएनएल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों की तरह सेल-बीएसपी में भी कांट्रेक्ट शेड्यूल रेट (सीएसआर) के आधार पर काम दिया जाना चाहिए। एसोसिएशन ने इस दौरान विद्युत, यांत्रिक, सिविल और रिफ्रैक्टरी दर अनुबंधों (रेट कांट्रैक्ट) के पैनलीकरण और वितरण में अनियमितताओं की शिकायत की और सब लेटिंग सिस्टम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की गई। एसोसिएशन ने बायोमेट्रिक प्रणाली की व्यवहारिकता पर सवाल उठाए। पदाधिकारियों का कहना था कि शट डाउन या अन्य आपातकालीन कार्यों के दौरान मजदूरों के आने-जाने का समय तय नहीं किया जा सकता, इसलिए ठेका मजदूरों के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम अव्यवहारिक है।
एसोसिएशन ने लॉटरी सिस्टम से टेंडर खोलने की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें पारदर्शिता का अभाव है। एसोसिएशन ने एचएससीएल के माध्यम से श्रमिकों की आपूर्ति का विरोध करते हुए मांग की कि इस प्रथा को रोका जाए और ठेका श्रमिकों की आपूर्ति  बीएसपी के पंजीकृत ठेकेदारों के माध्यम से ही की जाए। पदाधिकारियों ने कहा कि बीएसपी में लगभग 437 ठेकेदार पंजीकृत हैं और उन्हें आजीविका के लिए पर्याप्त काम नहीं मिल रहा है, इसलिए नए पंजीकरण को रोका जाना चाहिए। बीएसपी ने प्राइज वेरिएशन क्लॉज (पीवीसी) लागू करने की मांग की, जिससे मूल्य वृद्धि से होने वाले नुकसान की भरपाई हो सके।
एसोसिएशन ने ठेका मजदूरों की मेडिकल जांच निजी संस्थानों के बजाए शासकीय ईएसआई अस्पतालों के माध्यम से करवाने की मांग की। एसोसिएशन ने सीआईएसएफ द्वारा ठेकेदारों को एनडीसी जारी की प्रक्रिया को सरल करने की मांग की। एसोसिएशन ने मांग की कि जो ठेकेदार वर्तमान में कार्यरत हैं, उनके नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए और स्ट्रीम लाइन प्रक्रिया को न्यूनतम किया जाए। बैठक में एसोसिएशन की ओर से प्रमुख रूप से सीके मोहन (महासचिव), तुलसी धरण पिल्लई (कोषाध्यक्ष), के. ए. अंसार (उपाध्यक्ष), वी किशोर, आरएस कुरूप, बलराम यादव और मोहन राव उपस्थित थे।

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