Sunday, September 8, 2024

सरकारी मूल्य में कटौती कर लोक निर्माण कर रहा हैं ठेकेदार के बिल में 5 प्रतिशत की कटौती – बीएआई

रायपुर। बिल्डर्स एसाोसिएशन ऑफ इंडिया का एक दिवसीय कार्यशाला शनिवार को हुआ, इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन रेड्डी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लोक निर्माण विभाग सरकारी मूल्य में कटौती कर ठेकेदार के बिल में 5 प्रतिशत की कटौती कर रहा है जो तथ्य संगत नहीं है और इस कारण ठेकेदार काफी परेशान है। बहुत जल्द बिल्डर्स एसाोसिएशन ऑफ इंडिया का प्रतिनिधिमंडल राज्य शासन के अधिकारियों से मुलाकात कर विसंगतियों को दूर अंतर की राशि का भुगतान करने की मांग करेगा। इस अवसर पर बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) के स्टेट चेयरमैन कंवलजीत सिंह ओबेरॉय, सेंटर चेयरमैन रायपुर रूपेश सिंघल, हरसिमरन सिंह ओबेरॉय, के. चन्द्रशेखर राव, सुशील अग्रवाल के अलावा अन्य पदाधिकारी व ठेकेदार उपस्थित थे।

एसएन रेड्डी ने बिल्डर ठेकेदारों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन के लोक निर्माण विभाग को छोड़ दिया जाए तो लोक निर्माण विभाग से जुड़े ठेकेदार छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग में निविदा प्रस्तुत करते हुए निविदा निकलने के बाद सड़कों का निर्माण कर रहे है। इस निविदा में जीएसटी की गणना अलग से की जाती है जबकि छत्तीसगढ़ शासन के लोक निर्माण विभाग जीएसटी की गणना अलग से नहीं करती है और इसके लिए कोई अलग से प्रावधान भी नहीं रखा है। लोक निर्माण विभाग कार्य मूल्य को अलग करते हुए जीएसटी की गणना अलग कर निविदा बुला ताकि ठेकेदार निर्भिक होकर लोक निर्माण विभाग के द्वारा दिए गए कार्यों को कर सकें।

स्टेट चेयरमैन कंवलजीत सिंह ओबेरॉय ने बताया कि जिस तरह से लोक निर्माण विभाग ने जुलाई 2017 में जीएसटी 12 प्रतिशत और पूर्व में वेट लगाकर टैक्स 5 प्रतिशत के बीच के अंतर की राशि का भुगतान ठेकेदारों को किया है, उसी तरह 2022 में केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी 12 प्रतिशत के स्लैब को बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है जिसके अंतर के 12 प्रतिशत से 18 प्रतिात के बीच की अंतर की राशि का भुगतान छत्तीसगढ़ शासन के लोक निर्माण विभाग किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सभी निर्माण विभाग द्वारा अंतर की राशि का भुगतान ठेकेदारों को किया जा रहा है और सीपीडब्ल्यूडी और एनएचएआई भारत सरकार द्वारा स्पष्ट आदेशित है कि अंतर की राशि का भुगतान किया जाना चाहिए।

सेंटर चेयरमैन रायपुर रूपेश सिंघल का कहना है कि लोक निर्माण विभाग शुरू से ही उपयोग की जाने वाली खनिज की रॉयल्टी का सरकारी दर से कटौती कर विभाग में देती है। निर्माण करता एजेंसी, ठेकेदार निर्माण सामग्री को बाजार से खरीदता है, साथ ही उसका परिवहन अपने कार्यस्थल तक करवाता है इसलिए उसकी रॉयल्टी की जवाबदारी नहीं होती बावजूद इसके निर्माण कार्य में उपयोग की गई सामग्री की मात्रा का सरकारी मूल्य पर कटौती विभाग ठेकेदार के बिल से करती है। जिसमें 5 गुना बाजार भाव का रेट लगना तथ्य संगत नहीं है और इसके कारण काफी विसंगतियां पैदा हो गई हैं और ठेकेदार काफी परेशान है। बिल्डर्स एसाोसिएशन ऑफ इंडिया के बैनर तले छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही विभागीय मंत्री से मुलाकात कर अंतर की राशि का भुगतान शीघ्र करने व अन्य समस्याओं से अवगत कराएगा।

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