डॉ बाबासाहेब अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर भिलाई-दुर्ग में वृहद आयोजन
भिलाई : न्यूज़ 36 :डॉ बाबासाहेब अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस 6 दिसंबर के अवसर पर शुक्रवार को दुर्ग भिलाई के अंबेडकर अनुयायियों ने दुर्ग सरकारी अस्पताल में 175 यूनिट ब्लड दान किया। पंचशील बौद्ध विहार दुर्ग में समता सुरक्षा सेना छत्तीसगढ़ और अंबेडकर नगर निवासी विकास समिति उरला दुर्ग द्वारा पंचशील बौद्ध विहार के नवनिर्मित भवन में रक्तदान कैंप लगाया गया था।
डॉ अंबेडकर सांस्कृतिक भवन सेक्टर-6 भिलाई में भारतीय बौद्ध महासभा 1119 तथा महा मानव मल्टीपरपज सोसायटी द्वारा ब्लड डोनेशन कैंप लगाया गया था। कुछ रक्तदाताओं ने सीधे सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक में जाकर भी आज ब्लड डोनेट कर डॉ. अम्बेडकर को आदरांजलि दी।
भारतीय संविधान के निर्माता डॉ बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के मानवतावादी कार्यों को याद कर संपूर्ण मानव समाज के हित के लिए ब्लड डोनेशन का कार्य किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने बाबासाहेब के द्वारा किये सामाजिक ,आर्थिक और राजनीतिक सुधार के कार्यों का उल्लेख कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उल्लेखनीय है कि समता सुरक्षा सेना छत्तीसगढ़ की ओर से विगत 3 वर्षों से रक्तदान शिविर का आयोजन बाबा साहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर किया जा रहा है। रक्तदान शिविर के उपरांत शाम के समय कैंडल रैली निकाली गई।
इस आयोजन को सफल बनाने में ब्लड बैंक अधिकारी प्रवीण अग्रवाल की पूरी टीम ने अपना पूरा सहयोग दिया। अन्य सहयोगी संस्थाएं द बुद्धिस्ट प्रचारक विंग छत्तीसगढ़ ,डॉ आंबेडकर स्वास्थ्य मिशन, भारतीय बौद्ध महासभा पंजीयन क्रमांक 3227 और त्रिरत्न बौद्ध महासंघ छत्तीसगढ़ रही। इस दौरान तथागत कल्याण समिति ने भिलाई में रक्तदाताओं को फल प्रदान किया। समता सुरक्षा सेना महिला विंग ने रक्तदाताओं को नारियल पानी पिलाया। भारतीय बौद्ध महासभा दुर्ग पंजीयन क्रमांक 3227 ने रक्तदाताओं तथा इस शिविर में आए कार्यकर्ताओं के लिए भोजन पानी की व्यवस्था की।
चंद्रशेखर जनबंधु ने निशुल्क चाय और कॉफ़ी की व्यवस्था सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक की गई। राजकमल बोरकर परिवार और कामड़े परिवार दुर्ग ने पंचशील बौद्ध विहार में रक्तदान दाताओं को फल प्रदान किया। समता सुरक्षा सेना छत्तीसगढ़ के प्रमुख आयुष्मान अरविंद चौधरी ने सभी रक्तदाताओं और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। आयोजन में अनिल जोग, जितेंद्र मडामे, बबलू चौरे,योगेश खांडेकर और आयुष्मति सविता बौद्ध, जयश्री बौद्ध और तनुजा वासनिक का विशेष सहयोग रहा।