प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को छत्तीसगढ़ में रोजगार के विषय पर आरोप लगाने का नैतिक अधिकार नहीं है। ये वही छत्तीसगढ़ है जो रमन राज में देश में सर्वाधिक बेरोजगारी दर वाला राज्य हुआ करता था। रमन सरकार के दौरान सितंबर 2018 में 22.2 प्रतिशत बेरोजगारी दर थी।
भूपेश सरकार आने के बाद युवाओं को नौकरी और रोजगार की बेहतर अवसर मिले इसी का परिणाम है कि विगत 1 वर्ष से छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर आधा प्रतिशत से कम है और वर्तमान में छत्तीसगढ़ देश में सबसे कम बेरोजगारी दर वाला राज्य है। छत्तीसगढ़ में सत्ता में रहने के दौरान भारतीय जनता पार्टी स्थानीय युवाओं के रोजगार के अधिकार को आउटसोर्सिंग करके बेचते रहे। भूपेश सरकार में एक लाख से अधिक पदों पर सरकारी विभागों में नियमित भर्ती हुई है, 5 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को पीड़ा हो रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेता बताएं कि 2014 में मोदी जी ने वादा किया था हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का, 9 साल हो गए कितने रोजगार दिए? केंद्रीय विभागों, निगम, मंडलों, नवरत्न कंपनियों और सार्वजनिक उपक्रमों में लगभग 18 लाख पद रिक्त है उन पर भर्ती क्यों नहीं की जा रही है? यूपीएससी को बाईपास करके केंद्रीय सचिवालय में संयुक्त सचिव के पदों पर मोदी के मित्र, कार्पोरेट घरानों के कर्मचारियों की सीधी भर्ती करके देश के युवाओं के साथ अन्याय क्यों किया? देश के संसाधन, देश के सार्वजनिक उपक्रम, बैंक, बीमा, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बंदरगाह, नवरत्न कंपनियों को बेचकर देश के युवाओं के सरकारी नौकरी में रोजगार के अवसर को बेचने के लिए केंद्र की मोदी सरकार और भाजपाई माफी कब मांगेंगे?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पीएससी एक संवैधानिक संस्था और स्वशासी निकाय है, प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने वाले लाखों युवाओं के सपनों और उम्मीदों का केंद्र है। भाजपा के नेता केवल चुनावी लाभ के लिए तथ्यहीन आरोप लगाकर पीएससी की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। रमन सरकार के दौरान 15 साल में केवल 9 बार ही पीएससी की भर्ती हुई थी, 6 बार तो परीक्षा ही निरस्त कर दी गई, लगातार 3 साल जीरो ईयर रहा। रमन सरकार के दौरान ही 2007 की पीएससी भर्ती को लेकर उच्च न्यायालय ने कठोर कमेंट किये थे। भ्रष्टाचार और गड़बड़ी न्यायालय में साबित हुईं थीं। हर तरह के घपले घोटाले और षडयंत्रों को रमन सिंह का संरक्षण था अब जब पूरी पारदर्शिता बढ़ती जा रही है तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को अपने पुराने पास याद आ रहे हैं।