मैत्रीबाग जू और बीएसपी स्कूलों के संचालन के लिए टेंडर हुआ जारी
भिलाई : न्यूज़ 36 : स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड के भिलाई स्टील प्लांट (BSP) प्रबंधन ने मैत्रीबाग और बीएसपी द्वारा संचालित स्कूलों को निजी हाथों में देने की औपचारिक प्रक्रिया शुरु कर दी है। सेक्टर-9 हॉस्पिटल के निजीकरण की चर्चा के बीच, इससे पहले ही इन दोनों महत्वपूर्ण इकाइयों के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।
स्थानीय नागरिकों और कर्मचारियों में बड़ी चिंता,,मैत्रीबाग जू और बीएसपी स्कूल दशकों से न सिर्फ भिलाई स्टील प्लांट बल्कि पूरे दुर्ग-भिलाई क्षेत्र की पहचान रहे हैं। इनका प्रबंधन सीधे बीएसपी के अधीन रहा है।

निजीकरण की दिशा में उठाए गए इस कदम के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं।
क्या मैत्रीबाग जू की टिकट दरें बढ़ेंगी?
क्या स्कूलों की फीस और संरचना में बदलाव आएगा?
क्या कर्मचारियों और वर्तमान स्टाफ पर इसका असर होगा?
इन्हीं आशंकाओं के चलते कर्मचारियों के बीच नाराजगी और शहरवासियों में चिंता देखी जा रही है।
प्रबंधन का रुख
बीएसपी प्रबंधन का कहना है कि इन संस्थानों को “बेहतर संचालन” और “आधुनिकीकरण” के उद्देश्य से निजी एजेंसियों को सौंपने की प्रक्रिया शुरु की गई है।
टेंडर प्रक्रिया के बाद चयनित कंपनी या संस्था को संचालन का अधिकार दिया जाएगा। अधिकारिक रूप से प्रबंधन की ओर से यह भी कहा जा रहा है कि-सुविधाओं को आधुनिक बनाना वित्तीय व्यवस्था को पेशेवर रूप देना बेहतर मेंटेनेंस और सर्विस सुनिश्चित करना इन मुख्य उद्देश्यों के तहत निजीकरण किया जा रहा है।
कर्मचारी संगठनों का विरोध तेज
कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि यह कदम आने वाले समय में बीएसपी की सामाजिक और सार्वजनिक उपयोग वाली इकाइयों को कमजोर कर देगा। इससे प्लांट के कर्मचारियों को मिलने वाली रियायतें खत्म होने का खतरा है, साथ ही आम जनता पर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है।
कुछ यूनियन प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि :
“सेक्टर-9 हॉस्पिटल के निजीकरण से पहले ही मैत्रीबाग और स्कूलों को निजी हाथों में देने की जल्दी क्यों दिखाई जा रही है?
शहर पर पड़ने वाला असर
मैत्रीबाग जू भिलाई का प्रमुख पर्यटन स्थल है और रोज़ाना यहां हजारों परिवार पहुंचते हैं। इसके निजी हाथों में जाने से टिकट दरें और अन्य सेवाओं का खर्च
बढ़ने की आशंका है। इसी तरह, बीएसपी के स्कूल वर्षों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए जाने जाते हैं। निजीकरण के बाद फीस संरचना में बदलाव की चिंता अभिभावकों के बीच बढ़ती जा रही है।
