Thursday, November 21, 2024

बदहाल व्यवस्था बनी विधायक अरुण वोरा के हार का कारण

दुर्ग :  शहर विधानसभा क्षेत्र ही एक ऐसा विधानसभा क्षेत्र है जो नगर पालिका निगम क्षेत्र के समकालिक माना जाता है दुर्ग शहर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नगर निगम के समस्त वार्ड आते हैं इस बार दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के प्रत्याशी अरुण वोरा की बड़े अंतर से हार हुई .दुर्ग नगर निगम के कार्यों के कारण परेशान एवं क्रोध आम जनता के जेहन में इस कदर बसा था कि उन्होंने दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ जमकर मतदान किया .
बता दे कि विधानसभा क्षेत्र में नगर निगम दुर्ग में कांग्रेस की सत्ता है ऐसे में दुर्ग के पूर्व विधायक की नगर निगम के कार्यों में जबरदस्त हस्तक्षेप का विपक्ष के पार्षदों सहित सत्ता पक्ष के कई पार्षद शुरू से ही करते रहे . बावजूद इसके तात्कालिक विधायक का हस्तक्षेप बंद नहीं हुआ .
परंतु कुछ विभाग ऐसे हैं जिनके प्रभारी वोरा समर्थक के रूप में नहीं गिने जाते ऐसा ही एक विभाग बाजार विभाग है जिसके प्रभारी ऋषभ जैन दुर्ग ग्रामीण क्षेत्र के पूर्व मंत्री साहू के खेमे से आते हैं और उनके कट्टर समर्थकों में माने जाते हैं बावजूद इसके भी बाजार विभाग में अनियमित कहीं ना कहीं बाजार प्रभारी ऋषभ जैन की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती है . आज चुनाव के बाद दुर्ग नगर निगम के कई प्रभारी नगर निगम में आकर एक बार फिर से जनता से रूबरू हो रहे हैं वही बाजार प्रभारी ऋषभ जैन अभी भी नगर निगम के कार्यों से दूरी बनाए हुए हैं . जबकि दुर्ग शहर में लगातार हो रहा अतिक्रमण पर कार्यवाही भी यह दर्शा रहा है कि बाजार प्रभारी ऋषभ जैन नगर निगम के कार्यों के प्रति कितने निष्क्रीय साबित हो रहे हैं .
आज बाजार विभाग क्षेत्र में जगह-जगह अतिक्रमण का बोलबाला है और शहर की यातायात व्यवस्था भी इससे काफी प्रभावित है वहीं इंदिरा मार्केट के पुलिस सहायता केंद्र में अवैधानिक रूप से कब्जे का मामला अभी भी शांत नहीं हुआ है एक तरफ नगर पालिक निगम सड़क के किनारे गरीबों के व्यापार पर बुलडोजर चला रही है परंतु वही अपने खुद के भवन पर से कब्जा नहीं हटा पा रही . पुलिस सहायता केंद्र पर कार्यवाही न करने के कारण अब बाजार क्षेत्र में चर्चा का विषय है कि इस असंवैधानिक कब्जे में पर्दे के पीछे कहीं कोई बढ़ा खेल तो नहीं हो गया है ऐसी कई तरह की संभावना की चर्चा बाजार क्षेत्र एवं निगम कार्यालय में इन दिनों जोरों पर है और हो भी क्यों ना आज जब नगर पालिका निगम द्वारा सड़कों के किनारे के अतिक्रमणों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है वहीं अपने खुद के भवन पर अवैध रूप से कब्जा करने वालों पर कार्यवाही न करना नगर निगम के बाजार विभाग एवं बाज़ार प्रभारी की कार्यप्रणाली में संदेह पैदा कर रहा है ।
अभी तक नगर निगम के कई विभागों में कार्य न होने और तात्कालिक विधायक अरुण वोरा के हस्तक्षेप के कारण कार्य न कर पाने का बहाना जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों द्वारा बनाया जाता रहा है अब देखना यह है कि जबकि वर्तमान समय में दुर्ग नगर पालिक निगम में विधायक अरुण वोरा का हस्तक्षेप नहीं है ऐसे में क्या बाजार प्रभारी बचे हुए कार्यकाल में अपने नैतिक जिम्मेदारियां का निष्पक्षता के साथ पालन करते हैं या एक बार फिर अपनी निष्क्रियता की जिम्मेदारी किसी और के ऊपर डालते हैं .आज शहर भर में अतिक्रमण पर कार्रवाई ही चर्चा का विषय है ऐसे में बाजार प्रभारी ऋषभ जैन का नगर निगम कार्यालय में ना आना कई तरह के सवालों को जन्म दे रहा है .
बता दे की ऋषभ जैन ने भी विधायक की दावेदारी बड़े जोर-शोर से की थी किंतु सफलता नहीं मिली अब अगले साल नगर निगम के चुनाव होने वाले हैं ऐसे में क्या बाजार प्रभारी नगर निगम से मिली जिम्मेदारियां का सक्रियता से पालन करते हैं या फिर निष्क्रियता का यह आलम अभी और जारी रहेगा

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