अंडा : दुर्ग ग्रामीण अंचलों में धड़ल्ले से चल रहे अवैध मुरूम उत्खनन से पर्यावरण को भी खतरा उत्पन्न हो रहा है। जिले में अवैध खदानों के भरोसे ही मुरूम की आपूर्ति हो रही है। लेकिन खनिज विभाग सरकारी ठेकेदारों से रायल्टी की वसूली कर, लगातार गंभीर होती जा रही इस समस्या से मुंह मोड़ रहा है। शासन-प्रशासन व खनिज विभाग ग्राम अंडा, भानपुरी,नगपुरा, थनौद, रिसामा , मतवारी,निकुम,मोहदीपाट , ओडारसकरी,गोडेला,सहित आसपास के क्षेत्रों में लगातार हो रही है अवैध खन्न किया जा रहा है। रोजाना हाइवा में 50 से 80 ट्रिप मुरुम निकाला जाता है।
जिले में सड़क और भवन का निर्माण मुरूम के बिना पूरा नहीं होता। सरकारी और निजी निर्माण कार्य में बड़े पैमाने में मुरूम का उपयोग रोजाना किया जा रहा है। मुरूम की आपूर्तिकर्ताओं द्वारा आंख मुंद कर ऊंचे टीले की खुदाई की जा रही है। वन भूमि के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के आवासीय इलाकों पास मुरूम की अवैध खुदाई से बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। बारिश के मौसम में इन गड्ढों में पानी जमा हो जाने से बच्चों के साथ मवेशियों के गिरने का खतरा बना रहता है। गाँवो में चल रहे इस अवैध उत्खनन की ओर से शासन-प्रशासन, खनिज विभाग अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने पूरी तरह आंख मूंद रखे हैं। जिले में मुरूम की आपूर्ति का काम अधिकाशंतः हाईवा चालकों द्वारा किया जाता है। मकान,भवन ,राईस मिल निर्माण व सड़क निर्माण के लिए ठेकेदारों द्वारा भी जेसीबी की मदद से बड़े पैमाने में मुरूम का उत्खनन किया जा रहा है। उत्खनन के दौरान संबंधित ठेकेदार अपनी सुविधा के अनुसार कहीं भी गड्ढे खोद देते हैं।
लीज के लिए गुजरना होगा कई प्रक्रियाओं से
अगर कोई प्रक्रिया के तहत मुरूम खदान संचालन की अनुमति लेने के लिए तैयार भी हो जाता है, तो उसे कई तरह के खानापूर्ति करनी पड़ेगी। सबसे बड़ी बाधा पर्यावरण विभाग से अनापत्ति प्राप्त करने की हो सकती है। विभाग से अनुमति प्राप्त करने के लिए कागजी खाना पूर्ति करने के साथ आवेदक को खनिज विभागों की दौड़ भी लगानी पड़ती है। बताया जाता है कि इन सब चक्कर में फंसने के लिए कोई तैयार नहीं है। खासकर उस स्थिति में जब लोगों को अवैध रुप से मुरूम आसानी से उपलब्ध हो जा रहा है।
विभाग को नहीं मिल रहे हैं ठेकेदार
जिले में मुरूम खदान को लेकर खनिज विभाग की भी अपनी परेशानी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लाख प्रयास करने के बाद भी उन्हें खदान संचालित करने के लिए कोई नहीं मिल रहा है। वहीं जानकारों के मुताबिक खनिज विभाग अगर मुरूम के अवैध उत्खनन पर कड़ाई से रोक लगा दे, तो मुरूम का खदान आसानी से खोला जा सकता है। हकीकत यह है कि मुरूम खदान के लिए खनिज विभाग के अधिकारियों ने अब तक गंभीरता से प्रयास नहीं किया है। विभाग ने न तो इसके लिए कभी ईतहार जारी किया और न ही अवैध उत्खननकर्ता के विरूद्व कड़ी कानूनी कार्रवाई की है। कार्यवाई नहीं हो रहा हैं तो माफियों का हौसला बुलंद हैं। जनप्रतिनिधि व शासन प्रशासन सब आंख मूंद कर बैठे हुए हैं इन अवैध में मुरूम उत्खनन करने वाले लोगों के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही हैं।