भारतीय ज्ञान केन्द्रित सफल सांस्कृतिक भोपाल प्रवास से लौटे आचार्य शर्मा
भिलाई : न्यूज़ 36 : छत्तीसगढ़ के शिक्षाविद आचार्य डॉ.महेश चन्द्र शर्मा सफल सांस्कृतिक – शैक्षणिक भोपाल प्रवास से लौटे। यह प्रवास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भारतीय ज्ञान परम्परा पर केन्द्रित था। अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ डॉ. शर्मा ने पुस्तकों का आदान-प्रदान भी किया।
आचार्य शंकर सांस्कृतिक न्यास एवं मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा भारत भवन भोपाल में आयोजित एकात्म प्रेरणा संवाद में ब्राजील के पद्मश्री आचार्य जोनास लापेस मसेट्टी विशेष रूप से उपस्थित थे। आचार्य मसेट्टी ने ब्राजील में भी विश्वविद्या गुरुकुलम् स्थापित किया है।
ढाई हजार से अधिक विद्यार्थी यहां वेदान्त का अध्ययन कर रहे हैं। प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी ने ” मन की बात ” में उनकी प्रशंसा करते हुवे उन्हें भारतीय संस्कृति का दूत कहा था। डॉ.शर्मा ने उन्हें अपनी पुस्तक ” संस्कृति के चार सोपान” भेंट की , जिसकी सराहना करते हुवे उन्होंने साधुवाद दिया।
पद्मश्री मसेट्टी ने कहा वेदांत विज्ञान है जिससे हम अपने आपको जान सकते हैं। इस कार्यक्रम में उनके शिष्य और परिजन भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। भोपाल के सांस्कृतिक प्रवास के साथ नर्मदापुरम के बाबई गांव का साहित्यिक भ्रमण भी डॉ.शर्मा ने किया,यह प्रसिद्ध राष्ट्रीय कवि पं.माखनलाल चतुर्वेदी जी की जन्मभूमि है। आजकल इस स्थान को “माखन नगर” के नाम से जाना जाता है।

केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर में हुए आयोजन में केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली की अध्यक्ष संध्या पुरेचा, दिल्ली विश्वविद्यालय की साहित्य प्रोफेसर डॉ.मीरा द्विवेदी, पुणे के नाटक विशेषज्ञ सतीश पांवड़े एवं हरदा के नाट्यशास्त्र डॉ.देवेन्द्र पाठक द्वारा विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थों श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र पर केन्द्रित भारतीय ज्ञान परम्परा का लाभ डॉ.महेशचन्द्र शर्मा को मिला। परिसर के निदेशक प्रो.हंसधर झा ने डॉ.शर्मा की पुस्तकों “साहित्य और समाज” एवं “गागर में सागर” की सराहना की। इस दौरान बेलूर मठ के प्रति कुलपति स्वामी आत्मप्रिया नन्द और अद्वैत आश्रम के स्वामी शुद्धिदा नन्द आदि को सुनने हजार से अधिक प्रोफेसर , शोधार्थी और विद्यार्थियों की उपस्थिति रही।
