Wednesday, November 19, 2025

रिसाली महापौर की बेटी का सुसराल वालों पर प्रताड़ित करने आरोप

दहेज में फॉर्च्यूनर-कार लाना था’ कहकर परेशान करते थे, FIR दर्ज

भिलाई : न्यूज़ 36 : रिसाली निगम की महापौर शशि सिन्हा की बेटी अल्का साहसी (27 साल) ने अपने पति और ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है।पीड़िता के मुताबिक, उसकी शादी को 9 महीने हुए है। सुसराल वाले उसे दहेज के लिए परेशान करते थे। शिकायत के मुताबिक, पीड़िता ने बताया कि शादी में भी ससुराल पक्ष ने उनके माता-पिता को अलग बुलाकर कहा था कि महापौर की बेटी होने के नाते आपको फॉर्च्यूनर कार देनी चाहिए थी। कार नहीं दी तो हम लड़की को ससुराल नहीं ले जाएंगे।

उन्होंने भिलाई सेक्टर-6 के महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने पति, सास-ससुर सहित 5 लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दी है।

सुसराल वालों पर कार नहीं देने का आरोप

अल्का साहसी के मुताबिक, उनकी शादी 21 जनवरी 2025 को भिलाई के रिसाली में हिन्दू रीति-रिवाज से हुई थी। शादी में उनके माता-पिता ने टीवी, फ्रीज, एसी, वॉशिंग मशीन, सोने-चांदी के जेवर, फर्नीचर सहित घरेलू सामान और एक्टिवा खरीदने के लिए 1 लाख रुपए नकद और टिकावन में 2 लाख रुपए नकद दिए थे।

शिकायत के मुताबिक, शादी के तीसरे ही दिन पति चित्रांश साहसी उन्हें अपने जगदलपुर के विभागीय आवास नगरनार लेकर गए, जहां से प्रताड़ना शुरू हो गई। अल्का ने आरोप लगाया है कि उनके पति उनके हाथ का खाना नहीं खाते थे, खाना बनाने में ‘नुक्स’ निकालकर अपमानित करते थे।

उन पर चरित्र संदेह जताते हुए निगरानी रखते थे और उन्हें घरवालों से बात करने नहीं देते थे। अल्का का कहना है कि उन्हें ‘डायन’ तक कहा गया और छोटी-छोटी बात पर गाली-गलौज व मारपीट की जाती थी। कई बार उन्हें छत से धक्का देकर जान से मारने की धमकी भी दी गई।

अल्का ने बताया कि उनके ससुराल पक्ष के लोग लगातार फोन कर पति को भड़काते थे कि शादी में न तो फॉर्च्यूनर कार मिली और न ही मनमाफिक दहेज रकम।

23 जनवरी 2025 को भिलाई के होटल अमित इंटरनेशनल में हुए रिसेप्शन के दौरान, ससुराल पक्ष ने अल्का के माता-पिता को अलग बुलाकर कहा कि महापौर की बेटी होने के नाते आपको फॉर्च्यूनर कार देनी चाहिए थी। कार नहीं दी तो हम लड़की को ससुराल नहीं ले जाएंगे।

फॉर्च्यूनर कार नहीं देने पर मारने का आरोप

अल्का ने बताया कि इस घटना के बाद वह मानसिक रूप से टूट गईं, लेकिन पति की बातों पर भरोसा कर उनके साथ जगदलपुर चली गईं। वहां रोजाना फोन पर होने वाली बातचीत में उन्हें ससुराल पक्ष की लालसा साफ महसूस होने लगी।

अल्का ने अपनी शिकायत में बताया कि पति लगातार ताना मारते थे। “तुम्हारे घर वालों में बीएमडब्ल्यू देने की हैसियत है, लेकिन फॉर्च्यूनर भी नहीं दी।” 26 जनवरी 2025 को पति ने कहा कि दोनों का साथ रहना संभव नहीं और उन्हें जबरन कोरे कागज़ों पर हस्ताक्षर करवाए। पता चला कि पति तलाक की तैयारी कर रहा था औरएक अधिवक्ता से भी मिल चुका था।

4 मार्च 2025 को जगदलपुर से निकाल दिया, सारा स्त्रीधन भी रख लिया

अल्का के अनुसार, जब उनके माता-पिता और परिजन जगदलपुर पहुंचे, तो ससुराल पक्ष ने स्पष्ट रूप से कहा दहेज नहीं दिया है, इसलिए लड़की को रखेंगे नहीं। नहीं ले गए तो कोई अप्रिय घटना हो सकती है। इसके बाद, अल्का का पूरा स्त्रीधन, सोने-चांदी के आभूषण, नकद और गृहस्थी का सामान अपने पास रखते हुए उन्हें घर से निकाल दिया गया।

मायके आने के बाद भी नहीं मिला न्याय

अल्का बताती हैं कि बाद में उनके पिता सामाजिक लोगों को लेकर ससुराल पहुंचे, पर वहां भी उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। आरोप है कि सास-ससुर ने मां-बहन की गालियां तक दीं। घर में घुसने नहीं दिया और कहा “हम किसी भीहालत में अल्का को नहीं रखेंगे, क्योंकि दहेज की मांगें पूरी नहीं हुईं।”

काउंसलिंग में भी नहीं हुआ समाधान

अल्का ने 8 अक्टूबर 2025 को महिला थाना में आवेदन दिया था। इसके बाद 14 अक्टूबर, 28 अक्टूबर, 4 नवंबर और 11 नवंबर को काउंसलिंग की गई, लेकिन समझौता नहीं हो पाया।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

भिलाई महिला थाने में पुलिस ने जांच के दौरान अल्का के आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाते हुए पति चित्रांश साहसी, सास शशि साहसी, ससुर ललित साहसी, फूफा ससुर डेरहाराम और चाचा ससुर संदीप साहसी के खिलाफ मामला दर्ज किया।

पुलिस के अनुसार, आवेदिका को लगातार दहेज के लिए मानसिक-शारीरिक प्रताड़ित किया गया।

चरित्र पर लगातार लांछन लगाए गए। जान से मारने की धमकियां दी गईं और घर से निकालकर स्त्रीधन रोक लिया गया। इन तथ्यों के आधार पर धारा 85, 351(3), 3 (5) बीएनएस के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आगे की विवेचना की जा रही है।

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