Who is Rishi Sunak: भारतीय मूल के ऋषि सुनक भले ही ब्रिटेन में रहते हों, मगर इंडिया उनके दिल में बसता है। वह धर्मनिष्ठ हिंदू हैं और नियमित मंदिर जाते हैं। उनकी दो बेटियों में से एक कुचिपुड़ी डांस भी कर लेती है।
ब्रिटेन के साउथेम्प्टन में जन्में 42 बरस सुनक के पिता भारतीय मूल के डॉक्टर यशवीर और मां फार्मासिस्ट उषा हैं। अपने पिछले अभियान के दौरान प्रवासी जड़ों के बारे में उन्होंने विस्तार से बताया था। उन्होंने पहले भारतवंशी वित्त मंत्री के नाते 11 डाउनिंग स्ट्रीट पर दिवाली के दीए जलाकर इतिहास बनाने का जिक्र भी किया था।
सुनक ने कुछ माह पहले प्रचार के अपने वीडियो में कहा था, ”मेरी नानी के पूर्वी अफ्रीका में एक प्लेन में सवार होने के 60 साल बाद अक्टूबर की एक गर्म धूप वाली शाम में, उनकी परनाती, मेरे बच्चे, हमारे घर के बाहर गली में खेलते हैं। दरवाजे पर रंगोली बनाते हैं। दीये जलाते हैं…दीपावली पर कई अन्य परिवारों की तरह मस्ती करते हैं।”Rishi Sunak
भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गये हैं और इस मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है, लेकिन पीएम मोदी ने ऋषि सुनक को बधाई देने के साथ साथ उन्हें साल 2030 की भी याद दिलाई है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऋषि सुनक को बधाई देते हुए ट्विटर पर लिखा कि, ‘ऋषि सुनक, आपको बहुत गर्मजोशी के साथ बधाई। जैसा कि अब आप ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन गये हैं, तो मैं आपके साथ मिलकर वैश्विक मुद्दों पर और साल 2030 के लिए बनाए गये रोडमैप के लिए काफी करीब से काम करना चाहता हूं।’ पीएम मोदी ने अपने बधाई संदेश में आगे लिखा कि, ‘दिवाली की स्पेशल बधाई आपको, क्योंकि आप भारत और ब्रिटेन के बीच जीवित ब्रिज का काम कर रहे हैं और हम अपनी एतिहासिक साझेदारी को आधुनिक पार्टनरशिप में बदल रहे हैं।’
बोरिस जॉनसन के वक्त बना रोडमैप
दरअसल, भारत और ब्रिटेन के बीच ये रोडमैप ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भारत दौरे के वक्त तैयार किया गया था। बोरिस जॉनसन बतौर प्रधानमंत्री जब 21 अरप्रैल को दो दिवसीय भारत यात्रा पर पहुंचे थे, उस वक्त नई दिल्ली में भारत और ब्रिटेन के बीच साल 2030 के लिए रोडमैप पर पहली बार चर्चा की गई थी। इस रोडमैप के तहत भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को पूरा करने, इंडो-पैसिफिक में सहयोग बढ़ाने, रक्षा संबंधों को नेक्स्ट लेवल तक ले जाने का रोडमैप तैयार करने पर बातचीत की गई थी। पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से उस वक्त भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ हुई बैठक में भारत-यूके रोडमैप 2030 सहित कई प्रमुख कारकों पर चर्चा की थी।
भारत-ब्रिटेन 2030 पार्टनरशिप प्रोग्राम क्या है?
यूके के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 मई 2021 को एक वर्चुअल बैठक के दौरान भारत-यूके संबंधों के लिए 2030 रोडमैप पर हस्ताक्षर किए थे। ये रोडमैप अगले दस सालों में दोनों देशों के बीच साझेदारी की महत्वाकांक्षाओं को रेखांकित करता है। रोडमैप 2030 के तहत भारत-यूके व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत दोनों देशों के बीच के व्यापार को काफी तेज करने का लक्ष्य रखा गया था। ये रोडमैप भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच एक ‘एडवांस व्यापार साझेदारी’ की शुरुआत की शुरुआत करता है। साल 2005 में दोनों देशों के बीच औपचारिक ‘कॉम्प्रिहेंसिव स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट-2005’ के समझौते के बाद यह पहला भी है। मई में दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक के दौरान दिवाली तक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को फाइनल करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ब्रिटिश राजनीति में मची उथलपुथल ने इसे काफी लेट किया। वहीं, बोरिस जॉनसन के बाद प्रधानमंत्री बनी लिज ट्रस ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को काफी लेट कर दिया। Rishi Sunak