Saturday, November 23, 2024

राष्ट्रीय लोक अदालत में 55428 मामलों का हुआ निराकरण

दुर्ग : शनिवार को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन में लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसके तहत आपसी राजीनामा के आधार पर प्रकरण का निराकरण के लिए 31 खंडपीठ बनाए गए थे नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ श्रीमती नीता यादव जिला न्यायाधीश दुर्ग द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वल कर प्राप्त : 10:30 बजे किया गया शुभारंभ में कार्यक्रम में सिराजुद्दीन कुरैशी प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय दुर्ग संजीव कुमार टॉमक प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग राकेश कुमार वर्मा द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग के अलावा अधिवक्ता संघ जिला दुर्ग की अध्यक्ष सुश्री निता जैन एवं अन्य पदाधिकारीगण, न्यायाधीशगण,
अधिवक्तागण तथा विभिन्न बैंक के प्रबंधक उपस्थित रहे नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य सिविल परिवार मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित प्रकरण रखे गए तथा उनका आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया गया इसके अलावा बैंकिंग संस्था विद्युत एवं दूरसंचार भी संबंधित लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया इस दौरान जिला न्यायालय परिसर में आने वाले पक्षकारों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु एकदिवसीय निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया वर्ष 2023 के चतुर्थ एवं अंतिम नेशनल लोक अदालत में कल 6809
न्यायालय प्रकरण तथा कुल 48619 फ्री लिटिगेशन निराकृत हुए जिसमें कल समझौता राशि 283076458.23 रहा।इनमें बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कल 53 मामले निराकृत हुए।जिसमे समझौता राशि लगभग 6680082.66 रही। इसी क्रम में लंबित निराकृत हुए प्रकरण में 788 दाण्डिक प्रकरण, क्लेम के 78 प्रकरण, पारिवारिक मामले के 240 चेक अनाधारण के 435 मामले व्यवहार वाद के 84 मामले, श्रम न्यायालय के कुल 20 मामले तथा स्थाई लोक अदालत दुर्ग के कुल 1004 मामले निराकृत हुए।

निसंतान दम्पति को समझाने के बाद हुआ समझौता
संतान नहीं होने से अलग रह रहे पति-पत्नी एक मामले में सुनवाई लोक अदालत में हुई उनके दाम्पत्य जीवन में कोई संतान नहीं हुई तथा पत्नी सिकलिंन रोग से ग्रसित थी इलाज के बाद भी पत्नी को लाभ नहीं हुआ तो पति-पत्नी में हर बात पर विवाद होने लगा पत्नी मायके में रहने चली गई अपने पति से सन 2020 में वह अलग रहने लगी थी मामला न्यायालय के समक्ष आने पर शनिवार को नेशनल लोक अदालत सुनवाई की गई न्यायालय ने दोनों पति-पत्नी को समझाया जिस पर पत्नी अपने पति के साथ रहने के लिए राजी हो गई इस प्रकार दोनों खुशी से खुशहाल जीवन जीने घर वापस गए ।

आप की राय

[yop_poll id="1"]

Latest news
Related news