Friday, October 18, 2024

महिला स्व सहायता समूह की आड़ में कांग्रेस राज्य में चली खूब धांधली समूह के भ्र्ष्टाचार में संलिप्तता की चर्चा

दुर्ग : प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने महिला स्व सहायता समूहों के लिए काफी योजनाएं क्षेत्र में उतारी थी किंतु योजनाओं का लाभ महिलाओं को न होकर नेताओं के चाटुकारों को ज्यादा मिलने लगा ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि दुर्ग नगर निगम क्षेत्र जो की दुर्ग विधानसभा क्षेत्र के समकक्ष है जहां पर महिला स्व सहायता समूह के नाम पर कांग्रेसियों के द्वारा खुलकर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया बता दे कि नगर पालिका निगम क्षेत्र में 60 वार्ड है। जो कि दुर्ग विधान सभा क्षेत्र में आते है .
शौचालय के नाम पर भ्रष्टाचार
दुर्ग नगर पालिक निगम क्षेत्र में 60 शौचालय के लगभग अस्तित्व में है जिनके संचालन के लिए नगर पालिक निगम द्वारा महिला स्व सहायता समूह को जिम्मेदारी दी गई साथ ही निशुल्क संचालन के लिए प्रति शौचालय प्रत्येक माह₹15000 की राशि का भी आवंटन किया जाता है ऐसे में शौचालय के कार्य में भी खुलकर बंदरबाट हुआ यहां तक की दुर्ग के पूर्व विधायक अरुण वोरा के खास समर्थक और पूर्व एल्डरमैन अंशुल पांडे की माता के नाम पर 5-6 शौचालय आवंटित हुए ऐसे ही अन्य कई महिला स्व सहायता समूह के नाम पर तीन से चार शौचालय आवंटित हुए इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इन शौचालय के देखरेख के लिए महिला स्वास्थ्य सहायता समूह की महिलाओं की सक्रियता ना के बराबर रही परंतु समूह के नाम पर कई कांग्रेस के पदाधिकारी द्वारा इन शौचालय का संचालन कर प्रतिमाह 40 से ₹60000 तक कमाई का जरिया बना लिया गया परंतु अगर वस्तु स्थिति देखें तो संधारण के नाम पर शौचालय की स्थिति दयनीय ही रही वही सम्बंधित स्वास्थ्य विभाग भी मामले पर मौन साढ़े रहा .
सत्ता बदली फिर भी नहीं बदली रीत
प्रदेश में वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है ऐसे में यह उम्मीद की जा रही थी कि एक ही समूह के नाम पर कई-कई शौचालय लेकर कमाई करने का जरिया बनाने वाले समूहों पर दुर्ग नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करेगा परंतु वर्तमान स्थिति को देखते हुए कहीं से भी यह प्रतीत नहीं हो रहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस मामले पर कोई कड़ा कदम उठाया गया हो वही अंदरूनी चर्चा है कि हर शौचालय पर एक बड़ी रकम कमीशन के रूप में स्वास्थ्य विभाग को समूह द्वारा दिया जाता है इस बात को बल इस बात से भी मिलता है कि पूर्व में ऐसे ही मामले पर दो-दो / तीन-तीन हजार रुपए के रिश्वत की बात सामने भी आई थी और मुद्दा दुर्ग निगम के सामान्य सभा में भी उठा था।
महिला स्वयं सहायता समूह के नाम पर राशन दुकान का भी खुलकर हुआ आवंटन
प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के बाद महिला स्व सहायता समूह को कई राशन दुकान का आवंटन भी खुलकर हुआ वही कांग्रेसी नेताओं के चाटुकारों को पुराने संचालकों को हटाकर राशन दुकान आवंटित करने की भी चर्चा इन दिनों जोरों पर है विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस सरकार बनने के बाद कई राशन दुकानों को दो भागों में बाँट कर कांग्रेसी नेता अपने अपने समर्थकों को आवंटित करवा लिए हैं ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि किसी भी राशन दुकान में राशन दुकान का संचालन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है ।
अब देखना यह है कि वर्तमान की सरकार के द्वारा महिला स्व सहायता समूह के नाम पर शासन की योजनाओं का लाभ लेने वाले और एक ही समूह के नाम पर कई-कई कार्य करने वाले समूहों पर क्या भाजपा सरकार संज्ञान लेकर कोई कार्यवाही करेगी या फिर विधानसभा स्तर ,जिला स्तर पर ही टेबल के नीचे या परदे के पीछे कोई बड़ा खेल हो जाएगा और मामला यूं ही दब जाएगा .

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